संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों ने तालिबान से कहा है कि वह अफगानिस्तान की महिलाओं के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी समूहों के लिए काम करने पर प्रतिबंध के अपने फैसले को हटा ले।
महिलाओं को गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) में काम करने से रोकने के तालिबान के कदम के बाद पिछले महीने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों ने अफगानिस्तान में अपना काम अस्थायी तौर पर रोक दिया।
हालांकि कुछ एजेंसियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में अपना काम फिर से शुरू कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने यह आशंका भी जताई कि लाखों लोग महत्वपूर्ण सेवाओं से वंचित हो जाएंगे। एजेंसियों का अनुमान है कि करीब 2.8 करोड़ लोगों या देश की आधी से अधिक आबादी को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।
पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता के प्रमुख ग्रिफिथ्स और ‘केयर इंटरनेशनल’, ‘सेव द चिल्ड्रन यूएस’ और यूनिसेफ कार्यक्रमों के प्रमुख इस सप्ताह अफगानिस्तान में हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने तालिबान को महिलाओं के खिलाफ विभिन्न प्रतिबंधों को खत्म करने को कहा। राष्ट्रीय और वैश्विक मानवीय संगठनों के लिए काम करने वाली अफगान महिलाओं और लड़कियों पर प्रतिबंध भी हटाने की मांग की गई।
काबुल की यात्रा पर गए ग्रिफिथ्स ने कहा कि यात्रा का फोकस तालिबान को यह समझाना है कि सहायता अभियान जारी रखना और महिलाओं को उनमें काम करने की अनुमति देना महत्वपूर्ण है।