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Iran President Raisi Death: हेलीकॉप्टर क्रैश पर आले हाशेम ने जो बताया, उसे सुनकर उड़े दुनिया के होश!

हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को तेहरान के ग्रैड मस्जिद में आखिरी विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। रईसी के दुश्मन उनसे जितनी नफरत करते थे, समर्थकों के बीच वो उतने ही लोकप्रिय थे। इसकी गवाही जनाजे में उमड़ी भीड़ और उनकी नम आंखें दे रही थी। एक तरफ तेहरान में रईसी को श्रद्धांजलि दी जा रही थी तो दूसरी तरफ मौत को लेकर कई खुलासे भी हो रहे थे। जो तीन हेलीकॉप्टर रईसी के काफिले में शामिल थे। उसमें बैठे रईसी के चीफ ऑफ स्टाफ ने रईसी के आखिरी उन 30 सेकेंड के बारे में बताया है जिसने ईरान से उनका राष्ट्रपति छीन लिया। ईरानी चैनल को दिए इंटरव्यू में रईसी के चीफ ऑफ स्टाफ गुलाम हुसैन इस्माइली ने सबसे पहले उस दिन के मौसम के बारे में बताया। उनके मुताबिक मौसम बिल्कुल साफ था। उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि जब हम उड़ान पर थे, मौसम बिल्कुल साफ और पूरी तरह से अच्छा था। कोई विशेष मौसम संबंधी जानकारी नहीं थी। 

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अजरबैजान की सीमा के करीब से 3 हेलीकॉप्टरों ने दोपहर के करीब 1 बजे उड़ान भरी थी। जिस ऊंचाई पर वो लोग उड़ रहे थे वहां कोहरा मौजूद नहीं था। लेकिन यात्रा के दौरान कुछ दूर पर बादल आ गया। इस बीच राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर का पायलट उसने अन्य हेलीकॉप्टरों को बादल से बचने के लिए ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया। लेकिन अचानक दोनों हेलीकॉप्टरों के बीच उड़ रहा राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर हवा में गायब हो गया। इस्माइली ने कहा कि जब हम बादलों के ऊपर थे लगभग 30 सेकेंड तक मार्ग पर चलने के बाद पायलट ने देखा कि मुख्य हेलीकॉप्टर हमारे साथ नहीं था। यानी केवल 30 सेकेंड के भीतर रईसी का हेलीकॉप्टर कहीं गुम हो गया। जैसे ही इस बात का आभास साथ चलने वाले हेलीकॉप्टरों को हुआ उन्होंने पीछे जाने की कोशिश की, लेकिन बादलों की वजह से ऐसा नहीं किया जा सका। रेडियो उपकरण के माध्यम से भी राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर से संपर्क करने की कोशिश बेकार साबित हुई। 

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इस्माइली ने बताया कि आमिर अब्दुल्लाहियन या विमान में सवार एक अंगरक्षक में से किसी ने भी फोन का जवाब नहीं दिया, लेकिन मोहम्मद अली अले-हाशेम ने किसी तरह दो मोबाइल फोन का जवाब दिया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसके बाद भी ईरान फोन सिग्नल का पता क्यों नहीं लगा पाया। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें दुर्घटनास्थल के बारे में पता चला तो शवों की हालत से ऐसा प्रतीत हुआ कि अयातुल्लाह रईसी और अन्य साथियों की तुरंत मौत हो गयी थी, लेकिन अले-हाशेम ने कई घंटों बाद दम तोड़ा था। 

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