ईरान ने पाकिस्तान, इराक और सीरिया में आतंकी ठिकानों पर हमला करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है। देखा जाये तो पश्चिम एशिया में हमास और इजराइल से युद्ध के कारण में पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण है, ऐसे में ईरान के इन हमलों ने चिंता और बढ़ा दी है। हम आपको बता दें कि ईरान का कहना है कि उसने तीनों देशों में आतंकी ठिकानों पर हमले किये हैं ताकि अपने देश के लिए खतरा उत्पन्न कर रही ताकतों पर लगाम लगाई जा सके।
इराक पर हमले
जहां तक हमलों की बात है तो आपको बता दें कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने कुर्द क्षेत्र में इजराइली जासूसी एजेंसी मोसाद का केंद्र बताये जाने वाली इमारत पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं और उत्तरी सीरिया में आईएसआईएल (आईएसआईएस) से जुड़े ठिकानों पर हमला किया वहीं पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमले करते हुए पूरे क्षेत्र को दहला दिया। बताया जा रहा है कि इराक में अर्ध-स्वायत्त कुर्द क्षेत्र की राजधानी एरबिल में कम से कम आठ विस्फोट सुने गए। इराक की क्षेत्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा है कि चार लोग मारे गए हैं और छह घायल हो गए हैं। इराक में बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल क्षेत्र में जासूसी केंद्रों और ईरानी विरोधी आतंकवादी समूहों की सभाओं को नष्ट करने के लिए किया गया था। बताया जा रहा है कि ईरान ने इराक में 11 मिसाइलें दागी हैं। इराकी सरकार ने एरबिल पर ईरान की “आक्रामकता” की निंदा की है। इराक ने कहा है कि ईरानी हमले के कारण आवासीय क्षेत्रों में नागरिक हताहत हुए हैं। इराक ने इसे देश की संप्रभुता और अपने लोगों की सुरक्षा का उल्लंघन बताया है। इराक सरकार ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दर्ज करने सहित विभिन्न कार्रवाइयों पर विचार करेगी।
इसे भी पढ़ें: जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की
वहीं ईरान की आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया है कि उसने एरबिल में इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद के मुख्यालय पर हमला किया था। ईरानी एजेंसी ने कहा है कि “हम अपने देश को आश्वस्त करते हैं कि हमारा अभियान हमारे शहीदों के खून की आखिरी बूंदों का बदला लेने तक जारी रहेगा।” जहां तक सीरिया की बात है तो आपको बता दें कि ईरान ने उत्तरी सीरिया में यह कहते हुए मिसाइलें दागीं कि वह सिर्फ आईएस के ठिकानों को निशाना बना रहा है।
पाकिस्तान पर हमले
पाकिस्तान पर हुए हमले की बात करें तो आपको बता दें कि ईरान ने बलूचिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। इसके बारे में खुद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “अवैध” हवाई हमले में दो बच्चे मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान ने कहा है कि “अपने हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन” के विरोध में इस्लामाबाद में तेहरान के वरिष्ठ राजनयिक को बुलाया गया है। पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर जानकारी दी गयी है कि मिसाइल और ड्रोन हमलों का लक्ष्य बलूचिस्तान प्रांत था, जो दोनों देशों के बीच 1,000 किमी की सीमा पर स्थित है। ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी तस्नीम ने कहा, “पाकिस्तान में जैश अल-धुल्म (जैश अल-अदल) आतंकवादी समूह के दो प्रमुख ठिकानों को विशेष रूप से लक्षित किया गया और सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया गया।’ समाचारपत्र डान की एक रिपोर्ट के अनुसार जैश अल-अदल आतंकवादी समूह ने ईरानी सुरक्षा बलों पर हमले किए हैं।
उधर, ईरान में बताया जा रहा है कि हमले सुन्नी आतंकवादी समूह, जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए थे। हम आपको बता दें कि सीमावर्ती क्षेत्र में बलूची अलगाववादियों और अन्य आतंकवादी समूहों की गतिविधियों के कारण ईरान और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। इसके अलावा, ईरान को लंबे समय से पाकिस्तान पर संदेह है कि वह आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया करा रहा है और संभवतः तेहरान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब के साथ समन्वय करके ईरान की दक्षिण-पूर्वी सीमा पर अस्थिरता पैदा कर रहा है।
हम आपको यह भी बता दें कि ईरान की ओर से यह हमले इसलिए किये गये हैं ताकि वह अपने देश में पिछले दिनों हुए हमले का बदला ले सके। 3 जनवरी को ईरान के करमन शहर में दोहरे आत्मघाती बम विस्फोट हुए थे जिसमें 80 से अधिक ईरानी मारे गए थे। उस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी। ईरान मानता है कि हमलों के पीछे जैश अल-अदल का भी हाथ है इसलिए उसने इसके ठिकानों पर हमला बोला। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि ईरान में सरकार के खिलाफ जो नाराजगी उपज रही है उसकी ओर से ध्यान हटाने के लिए भी यह हमले किये गये हैं।
हम आपको यह भी बता दें कि ईरान ने पाकिस्तान पर हमले ऐसे समय किये हैं जब ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने मंगलवार को स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक से इतर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर से मुलाकात की थी। बहरहाल, आतंकवादियों से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाकर ईरान की ओर से हवाई हमले किए जाने पर पाकिस्तान ने ईरान को ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने की चेतावनी दी है। देखना होगा कि क्या पश्चिम एशिया की अशांति दक्षिण एशिया को भी प्रभावित करती है?