पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रहने वाले लोग सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि पाकिस्तानी सेना बलूच लोगों का जबरन अपहरण कर रही है। वहीं पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने कहा कि बलूचों के परिवारों के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और ये आतंकवादी भारत के खुफिया एजेंसी रॉ से फंडिंग ले रहे। ब्लूचिस्तान में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन और पाकिस्तान के केयर टेकर पीएम ने इसको लेकर भारत को जिम्मेदार ठहराए जाने को लेकर प्रभासाक्षी के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ये पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है। मेरे पास इस पर कमेंट करने के लिए कुछ नहीं है।
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समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार पाकिस्तान के विदेश कार्यलय ने आरोप लगाया है कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं कि बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों और बलूच विद्रोहियों के बीच खूनी संघर्ष जारी है। पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया है कि सीपीईसी परियोजना को नाकाम करने के लिए भारत ने यह चाल चली है। साथ ही फरवरी में ही पाकिस्तान-चीन के संयुक्त बयान पर भी अवांछित टिप्पणी की है।
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दिसंबर 2023 में बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने और हत्याओं के विरोध में सैकड़ों बलूच लोगों ने इस्लामाबाद तक मार्च किया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने की अनुमति के बावजूद, राज्य ने बल प्रयोग किया, गिरफ्तार किया और बलपूर्वक उन्हें वापस भेज दिया। इसके कारण बलूचिस्तान में और अधिक विरोध प्रदर्शन हुए, साथ ही रिहा न किए गए बंदियों के बारे में शिकायतें भी हुईं। जबरन गायब किए जाने, हत्याएं और विरोध प्रदर्शन से पाकिस्तान की संघीय सरकार और बलूचिस्तान के बीच गहरे टकराव का पता चलता है।