बहुत से देश अपने पड़ोसियों या दुश्मन देशों के चुनाव में दखल देते रहे हैं। ऐसे मामलों में अमेरिका तो अव्वल रहा है। लेकिन उसका कट्टर दुश्मन रूस भी कम नहीं है। एक किताब ‘मेडलिंग इन द बैलट बॉक्स’ के लेखक डव एच लेविन के मुताबिक रूस (तब सोवियत संघ) ने 36 चुनावों से छेड़खानी की है। अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। ऐसे में रिपबल्किन डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट कमला हैरिस के बीच मुकाबला है। लेकिन अमेरिकी चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा दावा सामने आया है। ये दावा अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारी की तरफ से किया गया है। एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने कहा कि रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किसी भी अन्य विदेशी शक्ति की तुलना में अधिक एआई सामग्री तैयार की है। ये एआई टूल रूस डेमोक्रेट कमला हैरिस पर रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को बढ़ावा देने के अपने व्यापक प्रयास का हिस्सा है। बता दें कि रूस का झुकाव रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की तरफ माना जाता रहा है।
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राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (ODNI) के कार्यालय के अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पत्रकारों को एक ब्रीफिंग में रूस और अन्य देशों द्वारा 5 नवंबर के मतदान को प्रभावित करने के लिए एआई के कथित उपयोग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मॉस्को द्वारा निर्मित एआई सामग्री पूर्व राष्ट्रपति (ट्रम्प) की उम्मीदवारी को बढ़ावा देने और उपराष्ट्रपति (हैरिस) और डेमोक्रेटिक पार्टी को बदनाम करने के रूस के व्यापक प्रयासों के अनुरूप है, जिसमें षड्यंत्रकारी स्टोरीज भी शामिल हैं। मतलब किसी ऐसे मुद्दे को हवा देना, जो वोटरों के लिए काफी अहम हो।
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वाशिंगटन में रूसी दूतावास ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। रूस ने पहले अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अन्य रूपों की तरह, जनरेटिव एआई पिछले डेटा से सीखता है कि कार्रवाई कैसे की जाए। उस प्रशिक्षण का उपयोग करके, यह पाठ, चित्र और वीडियो जैसी नई सामग्री बनाता है जो मनुष्यों द्वारा निर्मित प्रतीत होती है।