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क्या Taiwan अभी भी Chinese दुनिया में लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ है?

ताइवान को दमनकारी चीन की तुलना में एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में माना जाता है और इसे दुनिया में अच्छी दृष्टि से देखा जाता है।
अप्रैल 1989 में, हजारों छात्रों ने स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व रूप से आवाज बुलंद करने के वास्ते बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर एकत्र होना शुरू किया।
यह प्रदर्शन तेजी से बढ़ा और इसमें छात्रों के साथ लाखों लोग शामिल हो गए। इस तरह के प्रदर्शन चीन में दुर्लभ थे और अधिकारी ऐसे प्रदर्शन से निपटने के लिए परिपक्व नहीं थे।
सरकार द्वारा टैंक भेजे जाने से पहले छह सप्ताह तक विशाल प्रदर्शन हुए। मुख्य भूमि चीन पर विरोध प्रदर्शनों को बेरहमी से कुचल दिया गया और सैकड़ों लोग मारे गए।

शी चिनफिंग के चीन में, 4 जून 1989 को तियानमेन स्क्वायर पर हुआ नरसंहार एक रहस्य है जिसकी व्यापक जानकारी अधिकारी अपने नागरिकों के सामने नहीं आने देना चाहते। ताइवान में, हालांकि, नरसंहार की बरसी अभी भी खुले तौर पर मनाई जा सकती है।
ताइवान की लोकतंत्र के लिहाज से एक अनुकरणीय प्रतिष्ठा है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के नवीनतम लोकतंत्र सूचकांक 2022 में 10वें स्थान पर (मुख्य भूमि चीन 156वें ​​स्थान पर है) रहे ताइवान को जापान और दक्षिण कोरिया के साथ एशिया में तीन पूर्ण लोकतंत्रों में से एक माना जाता है।

पिछले साल, ताइवान के कार्यकर्ताओं ने तियानमेन नरसंहार की 33वीं बरसी को चिह्नित करने के लिए ‘शर्म स्तंभ’ की प्रतिकृति बनाई थी।
इस प्रतिमा को मूल रूप से 1997 में डेनिश कलाकार जेन्स गालशियोट द्वारा 1989 के नरसंहार में मारे गए लोगों की याद में हांगकांग विश्वविद्यालय में स्थापित करने के लिए बनाया गया था, लेकिन 2021 में अधिकारियों द्वारा इसे हटा दिया गया था।
ताइवान की लोकतांत्रिक स्थिति अब शी चिनफिंग के अधिनायकवादी शासन के तहत मुख्य भूमि चीन की निरंकुशता के विपरीत और स्पष्ट दिखाई देती है – इसका लोकतांत्रिक शासन एक ट्रम्प कार्ड है और इसकी ‘सॉफ्ट पॉवर’ की काफी धूम है।

चीन सरकार की कोविड नीति के खिलाफ देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और लोगों ने कहा, ‘‘हम नागरिक बनना चाहते हैं, न कि दास। हम चुनाव चाहते हैं, न कि तानाशाह।’’
बीजिंग की चेतावनियों और सैन्य उकसावे के बावजूद, 13 राष्ट्र अभी भी ताइवान और कई अन्य देशों के साथ राजनयिक संबंध बनाए हुए हैं, विशेष रूप से अमेरिका ने ताइवान के साथ ‘रणनीतिक संबंध’ भी स्थापित कर रखे हैं।
ताइवान के लोकतांत्रिक शासन को अकसर सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को न्यायोचित ठहराने वाले एक कारक के रूप में उद्धृत किया जाता है। सेमीकंडक्टर चिप्स के वैश्विक निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होने के चलते भी ताइवान की काफी प्रतिष्ठा है।

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