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दुबई । इजराइल की संसद ने दो विधेयक पारित किए हैं जो संयुक्त राष्ट्र की फलस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित एजेंसी को गाजा में सहायता प्रदान करने से रोक सकते हैं। इन कानूनों में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को सहायता आपूर्ति से रोकने के प्रावधान हैं और ये एजेंसी तथा इजराइल की सरकार के बीच सारे संबंधों को तोड़ सकते हैं। यह एजेंसी के खिलाफ लंबे समय से चल रहे अभियान का नतीजा है, जिसके बारे में इजराइल का कहना है कि इसमें हमास ने घुसपैठ की है। लेकिन एजेंसी के समर्थकों का कहना है कि इजराइल का असली उद्देश्य फलस्तीनी शरणार्थियों के मुद्दे को दरकिनार करना है।
यह एजेंसी गाजा में सहायता प्रदान करने वाली प्रमुख संस्था है और वेस्ट बैंक समेत क्षेत्र में रह रहे लाखों फलस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत सेवाएं प्रदान करती है। एजेंसी के प्रमुख महाआयुक्त फिलिप लाजारिनी ने विधेयकों पर मतदान के बाद ‘एक्स’ पर इस कदम को अभूतपूर्व करार दिया और कहा कि ये विधेयक ‘‘केवल फलस्तीनियों की पीड़ा, खासतौर पर गाजा में उनकी परेशानियों को बढ़ाएंगे जहां लोग एक साल से अधिक समय से बुरी हालत में हैं।’’ इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी पर उन सदस्यों को लेकर आंखें मूंदने का आरोप लगाया है जिन्हें लेकर वह दावा करता है कि वे हमास से जुड़े हैं और सैन्य मकसद से यूएनआरडब्ल्यूए की सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं।
इजराइल ने कहा कि गाजा में उसके 13,000 कर्मचारियों में से करीब 12 ने सात अक्टूबर, 2023 को दक्षिण इजराइल पर हमले में भाग लिया था। एजेंसी ने इस बात से इनकार किया है कि वह जानबूझकर सशस्त्र समूहों को सहायता देती है। ये विधेयक यूएनआरडब्ल्यूए को बुरी तरह प्रभावित करेंगे। सोमवार को पारित ऐसा एक कानून इजराइल की धरती पर यूएनआरडब्ल्यूए की उन सभी गतिविधियों और सेवाओं पर पाबंदी लगाने वाला है और तीन महीने में प्रभाव में आ सकता है। दूसरा विधेयक सरकारी कर्मचारियों और यूएनआरडब्ल्यूए के सभी संबंधों को तोड़ता है तथा उसके कर्मियों को कानूनी दंड छूट से वंचित करता है। दोनों विधेयक मिलाकर एजेंसी को इजराइल तथा फलस्तीनी क्षेत्रों में परिचालन से रोक सकते हैं।