ईरान ने अपने कट्टर दुश्मन इज़राइल को चेतावनी दी कि वह उस हवाई हमले का बदला लेगा जिसमें सात रिवोल्यूशनरी गार्ड, जिनमें से दो जनरल शामिल थे, मारे गए और सीरियाई राजधानी में उसके कांसुलर एनेक्सी भवन को नष्ट कर दिया। इज़राइल ने दमिश्क में सोमवार के हमले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसने गाजा युद्ध और लेबनान, सीरिया, इराक और यमन में ईरान समर्थित समूहों से जुड़ी हिंसा के कारण पहले से ही मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा दिया था। ईरानी राज्य मीडिया ने कहा कि हमले में 13 लोग मारे गए, जिसमें तेहरान के राजदूत के अनुसार, इजरायली एफ-35 लड़ाकू विमानों ने छह मिसाइलें दागीं, जिससे दूतावास से सटे पांच मंजिला कांसुलर भवन ध्वस्त हो गया।
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विस्फोटों के कारण इमारत मलबे के पहाड़ में तब्दील हो गई, जिससे आस-पास की इमारतों की खिड़कियाँ उड़ गईं और शहर के एक हरे-भरे और ऊंचे उपनगर में सड़क के किनारे खड़ी कारें जलकर खाक हो गईं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कसम खाई कि इज़राइल को “हमारे बहादुर लोगों के हाथों दंडित किया जाएगा। हम उन्हें इस अपराध और अन्य अपराधों पर पछतावा कराएंगे।
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बता दें कि ईरानी दूतावास पर इस्रायल ने एयर स्ट्राइक कर दी है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा में बीते दिनों चीनी नागरिकों पर हुए हमले से बढ़ते अंतरराष्ट्रीय तनाव के बीच सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर बड़ा हमला हो गया। हमले में ईरानी टॉप कमांडर मोहम्मद रज़ा जाहिदी की मौत की खबर है। जाहिदी के डिप्टी मोहम्मद हाजी रहीमी की बाजी जान चली गयी। इसके अलावा बताया जा रहा है कि 3 ईरानी राजनयिक भी इस हमले में ढेर हुए हैं। ईरान इस हमले के बाद गुस्से और बदले की आग में जल रहा है। जिस तरह से दमिश्क में दूतावास को टारगेट किया गया है।