इजराइल के युद्धक विमानों ने युद्ध के चौथे दिन मंगलवार सुबह गाजा पट्टी में लगातार बमबारी की जिससे इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं और लोग नाकेबंदी वाले इस क्षेत्र में सुरक्षित ठिकाना तलाशने के लिए यहां-वहां भागते रहे।
वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर शासन करने वाले समूह हमास से ऐसा बदला लेने का संकल्प लिया है जिसकी ‘‘गूंज कई पीढ़ियों तक सुनायी देगी।’’
सहायता संगठनों ने गाज़ा में मदद पहुंचाने के लिए मानवीय गलियारा बनाने का आग्रह किया है, और आगाह किया है कि अस्पतालों में जख्मी भरे पड़ें हैं और उनके पास जरूरी दवाइयों की कमी हो गई है।
इज़राइल ने गाजा की खाद्य, ईंधन व दवाइयों तक पहुंच को रोक दिया है और मिस्र से संपर्क के एक मात्र रास्ते को मंगलवार को इसके (रास्ते के) करीबकिए गए हवाई हमलों के बाद बंद कर दिया गया है।
गाजा में शासन करने वाले चरमपंथी समूह हमास ने शनिवार को इजराइल पर अचानक और भीषण हमले किए जिसके बाद दशकों में पहली बार सड़कों पर लड़ाई हुई। अबतक दोनों तरफ से कम से कम 1600 लोगों की मौत हो चुकी है। इज़राइल के मुताबिक, हमास और अन्य चरमपंथी समूहों ने गाजा में 150 से ज्यादा सैनिकों व आम लोगों बंधक बना लिया है।
देश की मीडिया के मुताबिक, संघर्ष और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि इज़राइल ने आरक्षित सैनिकों की संख्या मंगलवार को बढ़ाकर3.60 लाख कर दी।
कई दिनों की लड़ाई के बाद, इज़राइल की सेना ने मंगलवार सुबह कहा कि उसने दक्षिण में उन इलाकों पर फिर से प्रभावी नियंत्रण प्राप्त कर लिया है जिनपर हमास ने हमला किया था। उन्होंने कहा कि साथ में गाजा सीमा परनियंत्रण हासिल कर लिया है।
एक बड़ा सवाल यह है कि क्या इजराइल गाजा पर जमीनी हमला करेगा।
यह इजराइल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच 40 किलोमीटर लंबी (25 मील लंबी) भूमि की पट्टी है जहां 23 लाख लोग रहते हैं और 2007 से उसपर हमास का शासन है।
इजराइली सेना ने कहा कि उसने रातभर गाजा सिटी के रीमल इलाके में हमास के सैकड़ों ठिकानों को निशाना बनाया। इस इलाके में हमास संचालित सरकार के कई मंत्रालय और इमारतें हैं। इनके साथ-साथ विश्वविद्यालय, मीडिया संगठनों व सहायता संगठनों के दफ्तर भी हैं।
रीमल में व्यापक पैमाने पर विनाश से यह संकेत मिलता है कि गाजा में इजराइल की नयी रणनीति ये हो सकती है कि नागरिकों को कुछ इलाकों को खाली करने की चेतावनी दी जाए और फिर उन इलाकों में अभूतपूर्व तीव्रता के हवाई हमले किए जाए।
फलस्तीनी नागरिक सुरक्षा बलों ने अब्दुल्ला मुसलेह को 30 अन्य लोगों के साथ उनके तहखाने से बाहर निकाला, जब उनके अपार्टमेंट की इमारत हवाई हमलों से नष्ट हो गई थी।
गाजा के 46 वर्षीय शख्स ने कहा, “ मैं खिलौने बेचता हूं न कि मिसाइल। मैं गाज़ा छोड़ना चाहता हूं। मैं यहां क्यों रहूं? मैंने अपना घर व नौकरी खो दी है।”
वहीं, गाजा में लगातार जारी हवाई हमलों में इमारतों के जमींदोज होने के कारण हजारों निवासी अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं।
गाज़ा के पत्रकार हसन जबर ने कहा, “ गाजा में अभी कोई सुरक्षित जगह नहीं है, आप हर दिन सभ्य लोगों को मारे जाते देखते हैं। मुझे मेरी जान का डर है।” रीमल इलाके में बमबारी में फलस्तीन के तीन पत्रकारों की मौत हो गई है।
हमास को उखाड़ फेंकने के लिए बमबारी और इज़राइल की धमकियों ने समूह की रणनीति और उद्देश्यों के बारे में सवाल तीखे कर दिए हैं।
शनिवार को हमले के कुछ घंटों बाद, हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी सालेह अल-अरौरी ने कहा था कि समूह ने संपूर्ण युद्ध सहित सभी संभावनाओं की योजना बनाई है और गंभीर झटके झेलने के लिए तैयार है।
फलस्तीनियों में हताशा बढ़ गई है।
कई फलस्तीनी अंतहीन इज़राइली कब्जे और वेस्ट बैंक में बढ़ती बस्तियों और गाजा में नाकाबंदी और इसके प्रति दुनिया की उदासीनता को देख रहे हैं और उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है।
अल-अरौरी की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि हमास को उम्मीद थी कि लड़ाई वेस्ट बैंक तक फैल जाएगी और संभवतः लेबनान का हिजबुल्लाह उत्तर में मोर्चा खोल देगा। लेकिन छुटपुटहिंसा के अलावा बड़े पैमाने पर कुछ नहीं हुआ है। वेस्ट बैंक में इज़ाइल ने कड़ा लॉकडाउन लगाया हुआ है।
हमास ने धमकी दी है कि अगर बिना पूर्व चेतावनी के नागरिकों को निशाना बनाकर हमले किए जाते हैं, तो वह बंधक बनाए गए इजराइलियों को मौत के घाट उतार देगा। वहीं इज़राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने चेताया है कि ‘इस युद्ध अपराध’ के लिए माफ नहीं किया जाएगा।
इज़राइल किसी भी कीमत पर हमास को कुचलना चाहता है।
इजराइली सेना ने बताया कि हमलों में देश में 900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि गाजा और वेस्ट बैंक में 704 लोग मारे गए हैं, जिनमें सैकड़ों हमास लड़ाके भी शामिल है। दोनों पक्षों के हजारों लोग इस संघर्ष में घायल हुए हैं।
इज़राइल ने कहा कि हमास के करीब 1500 चरमपंथियों के शव इजराइली क्षेत्र में मिले हैं। हालांकि यह साफ नहीं है कि फलस्तीनी अधिकारियों द्वारा बताई गई संख्या में इनकी तादाद शामिल है या नहीं।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि गाजा में 1,87,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़कर भाग गए हैं। इनमें से ज्यादातर 2014 में इजराइल के हवाई और जमीनी हमले के बाद से भागे हैं।
वहीं, लगभग चार लाख लोग विस्थापित हुए।
फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि अधिकांश लोग यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा संचालित स्कूलों में आश्रय ले रहे हैं।
सोमवार को, इज़राइल ने खाद्य, ईंधन, पानी, दवाओं, बिजली और अन्य आपूर्ति को रोकते हुए क्षेत्र पर पूर्ण घेराबंदी की घोषणा की। इसके बाद रफह क्रॉसिंग का रास्ता ही बचा जिसके तहत मिस्र से आना-जाना किया जा सकता है।
लेकिन इजराइली हमलों के बाद उसे भी मंगलवार को बंद कर दिया गया। एक दिन पहले, मिस्र की रेड क्रिसेंट चिकित्सा आपूर्ति की एक खेप पहुंचाने में कामयाब रही।
मिस्र के एक अधिकारी ने कहा कि गाजा में सहायता पहुंचाने के लिए मानवीय गलियारे स्थापित करने के लिए मिस्र के अधिकारी इज़राइल और अमेरिका के साथ बात कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि मिस्र और गाजा के बीच रफह क्रॉसिंग के आसपास के क्षेत्र को नो फायर जोन घोषित करने के लिए इजराइल वासियों के साथ बातचीत चल रही है।
संयुक्त राष्ट्र की विश्व स्वास्थ्य एजेंसी ने भी मानवीय गलियारे की मांग को दोहराया है।
इसने कहा है कि गाजा में सात अस्पतालों के लिए निर्धारित जरूरी दवाइयां घायलों की बड़ी संख्या की वजह से पहले ही खत्म हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता तारिक जाज़ारेविक ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, वर्तमान में बड़ी संख्या में हताहत अस्पतालों में आ रहे हैं और ये अस्पताल अब अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं।
चिकित्सा सहायता समूह डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के प्रमुख ने कहा कि गाजा में उनके दो अस्पतालों में सर्जिकल उपकरण, एंटीबायोटिक, ईंधन और अन्य आपूर्ति खत्म हो रही है।
इजराइली सेना के एक प्रवक्ता रिचर्ड हेक्ट ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फलस्तीनियों को मिस्र के साथ लगती रफह सीमा चौकी से निकलने का प्रयास करना चाहिए।
मिस्र के अधिकारियों ने कहा किगाजावासियों के पलायन की संभावना ने मिस्र के अधिकारी चिंतित हो गए हैं।हेचट की टिप्पणियों के बाद, मिस्र के सरकारी ‘अल-काहिरा’ समाचार चैनल ने एक अनाम सुरक्षा अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि उन्हें पीछे धकेला जा रहा है।
अधिकारी ने कहा, “कब्जाधारी सरकार फलस्तीनियों को बमबारी में मरने या अपनी ज़मीन छोड़ने को मजबूर कर रही है।