“मैं अपने पिता प्रमोद और माता अंजना का स्वागत करना चाहता हूं, जो आज यहां बैठे हैं। वे भारत से यहां आए, मेरी बहन यहां आई। वो भी आज मेरे साथ मौजूद रहने के लिए समुद्र पार से आई है। आप लोगों का यहां होना मेरे लिए बहुत मायने रखता है। जय श्री कृष्णा।” एफबीआई ने इस अंदाज में अपनी नई शुरुआत कर दी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की टीम अब धीरे धीरे अपना ऑफिस संभाल रहे हैं। धीरे धीरे चेहरे सामने आ रहे हैं। इन चेहरों को फाइनल मंजूरी मिल रही है। इन्हीं चेहरों में एक चेहरा कैश पटेल का है। कैश पटेल डोनाल्ड ट्रंप की टीम में भारतीय मूल के वो व्यक्ति हैं जो पहली बार एफबीआई के चीफ बनने वाले हैं। ये पहली बार होगा जब किसी भारतीय मूल के व्यक्ति को हम एफबीआई चीफ के तौर पर देखेंगे।
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सीनेट में कैश पटेल की नियुक्ति की पुष्टि के लिए बैठक हुई। इस बैठक से ठीक पहले कैश पटेल ने अपने माता पिता के पैर छुए। लोगों ने उनके भारतीय संस्कारों और सांस्कृतिक जड़ों को बनाए रखने के लिए उनकी जमकर तारीफ की। पटेल ने अपने माता पिता को जय श्री कृष्ण कहकर संबोधित किया। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा एफबीआई प्रमुख के रूप में चुने गए काश पटेल ने सांसदों से कहा है कि बड़े होने के दौरान उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा था। फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) प्रमुख पद पर नियुक्ति की पुष्टि के लिए सीनेट की न्यायपालिका संबंधी समिति के सदस्यों के समक्ष पेश हुए पटेल (44) से सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने पूछा कि क्या उन्होंने कभी व्यक्तिगत रूप से नस्लवाद का सामना किया है।
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पटेल ने इसके जवाब में कहा कि दुर्भाग्य से, हां सीनेटर। मेरा परिवार यहां मेरे साथ है, इसलिए मैं उसका विवरण नहीं देना चाहता। अगर पटेल की नियुक्ति पर मुहर लग जाती है तो वह एफबीआई के पहले हिंदू और भारतीय-अमेरिकी निदेशक होंगे। इस दौरान पटेल के माता-पिता समेत परिवार के सदस्य कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) में मौजूद थे। पटेल ने कहा कि उनके पिता युगांडा में ईदी अमीन की तानाशाही से बचकर भागे थे, जहां 3,00,000 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को उनकी जातीयता के आधार पर मार डाला गया था।