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जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि ने विश्व धर्म संसद के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

जैन समुदाय के प्रतिष्ठित धार्मिक नेता आचार्य लोकेश मुनि ने अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व धर्म संसद के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए धार्मिक नेताओं से जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के मुद्दों का हल तलाशने के लिए एक साथ मिलकर काम करने का अनुरोध किया।
पांच दिवसीय विश्व धर्म संसद में 80 से अधिक देशों के 10,000 से ज्यादा धार्मिक नेता भाग ले रहे हैं।
लोकेश मुनि ने सोमवार को विश्व धर्म संसद को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया अभी कई चुनौतियों का सामना कर रही है जिसमें से कुछ पूरी सृष्टि के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और हिंसा ऐसे मुद्दे हैं जिससे हर कोई जूझ रहा है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों, पंथों, देशों और विचारधाराओं के लोग इन समस्याओं का हल तलाशने के लिए एक साथ आ सकते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए सर्वधर्म सद्भाव आवश्यक है। 2023 में विश्व धर्म संसद मील का पत्थर साबित होगी।’’
विश्व धर्म संसद के उद्घाटन सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस तथा अनुभवी अमेरिकी नेता नैंसी पेलोसी समेत सैकड़ों प्रतिष्ठित शख्सियतों ने भाग लिया।
लोकेश मुनि अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक हैं जो शांति के लिए काम करती है और अहिंसा पर जोर देती है।


प्रतिष्ठित जैन धर्मगुरु ने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर जैन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व का विषय है।
स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद को संबोधित किया था और भारत की आध्यात्मिक विरासत की ओर विश्व का ध्यान खींचा था।
शिकागो में संबोधन देने से पहले लोकेश मुनि ने 2015 में अमेरिका की सॉल्ट लेक सिटी तथा 2018 में टोरंटो में विश्व धर्म संसद के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया था।
एक दिन पहले, उन्होंने विश्व धर्म संसद में 80 देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में तिरंगा फहराया था।

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