विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बिम्सटेक क्षेत्र के देशों के अपने समकक्षों के साथ सार्थक चर्चा की जिसमें नेताओं ने प्रगति और समृद्धि को प्रोत्साहित करने के साझा उद्देश्यों को लेकर ‘‘लचीलेपन एवं समन्वय’’ को मजबूत बनाने पर चर्चा की।
बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) की स्थापना 1997 में हुई थी। यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। इस समूह के देशों की कुल आबादी 1.73 अरब है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4000 अरब डॉलर से अधिक का है।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘बैंकाक में थोड़ी देर पहले बिम्सटेक की सार्थक बैठक संपन्न हुई। सहयोगियों के साथ खुली बातचीत और आगे की ओर बढ़ने वाली चर्चा हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिम्सटेक सदस्यों के बीच लचीलेपन और समन्वय को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। हमने सहयोग के नए क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए नए आयाम एवं गतिविधियां तलाशीं।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘खाद्य, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा साझा चिंता के विषय हैं। प्रौद्योगिकी समाधान हमारे बीच गठजोड़ और अच्छी पहल के आदान-प्रदान के विषय हो सकते हैं। हमारा साझा उद्देश्य प्रगति और समृद्धि को प्रोत्साहित करना है। हमने इन विचारों को आगे बढ़ाने के लिए अकसर मुलाकात करने पर सहमति व्यक्त की।’’
छह जुलाई को विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार और बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमिन ने ढाका में विभिन्न विषयों पर चर्चा की थी जो ढाका आधारित बिम्सटेक समूह से जुड़ी थी।
बांग्लादेश सात सदस्यीय इस समूह का दिसंबर से नया अध्यक्ष बनेगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को यहां मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र की 12वीं बैठक में हिस्सा लिया था।