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Israel के हमले पर जमात ए इस्लामी हिंद को सुनकर रह जाएंगे दंग, फिलिस्तीन के प्रति क्या है भारतीय मुसलमानों की सोच?

इजरायल और हमास के बीच जंग के एक बरस गुजर चुके हैं। इजरायल की तरफ से अभी भी गाजा में हमले जारी हैं। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के अटैक के बाद से इजरायल ने गाजा में अपना ऑपरेशन जारी रखा है। इजरायल के गाजा पर अटैक और फिलिस्तीन के मुद्दे पर जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने प्रभासाक्षी के साथ बात करते हुए अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि अगर किसी के घर में किसी के देश में कोई जबरदस्ती घुस आया है। उसने किसी के देश पर कब्जा कर लिया है। अब अगर वो उनको निकालने के लिए कोशिश करता है। लड़ाई करता है, जंग करता है। ये तो उनका हक है ना। जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष ने कहा कि अगर हमारे देश की सीमाओं में किसी दूसरे देश के लोग आ जाएं। हम क्या करेंगे। हमारी फौज क्या करेगी। ये अगर कुछ देशों में हो रहा है। जैसे मैं कहता हूं कि फिलिस्तीन में हो रहा है। 

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सलीम इंजीनियर ने कहा कि फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा करके 1948 में इजरायल जबरदस्ती बनाया गया। 1948 से पहले इजरायल नाम की कोई चीज नहीं थी। अब ये फिलिस्तीनियों का हक है कि वो अपने देश को आजाद कराएं। अगर वो अपने देश की रक्षा के लिए कुछ कर रहे हैं तो उसे आतंकवाद कैसे कहा जा सकता है। हमारे देश में अगर कोई घुस आता है तो चाहे वो किसी भी धर्म का हो। हम उसे आतंकवादी कैसे कहेंगे। हम तो अपनी रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हां, कुछ लोग जरूर गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस्लाम के गलत तरीके से अगर बेगुनाह और मासूम लोग कहीं भी मारे जाते हैं। कोई भी करता है तो उसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। चाहे वो कैसा भी संगठन हो। 

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जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष ने कहा कि बेगुनाह और निर्दोषों की हत्या करना इस्लाम ने नहीं बताया। इसे इस्लाम में सारी मानवता की हत्या बताया है। कुछ लोग अगर किसी वजह से कुछ करते हैं तो उसको पूरे इस्लाम वर्ग पर थोंप देना और पूरी क्युनिटी को एक लेबल लगा देना ठीक नहीं है। जो लोग अपने देश की आजादी के लिए लड़ रहे हैं। जिनके देश पर कब्जा हो गया है। खासकर फिलिस्तीन अगर अपने देश के लिए जंग कर रहे तो ये उनका अधिकार है और पूरी दुनिया को इसका सपोर्ट करना चाहिए। महात्मा गांधी से लेकर अब तक हमारी पॉलिसी भी फिलिस्तीन के सपोर्ट की रही है। 

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