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दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार को जापान ने युद्धपोत से चलाया, किसी गोले-बारूद की जरूरत नहीं होगी

जापान ने पहली बार रेलगन की फायरिंग की है। जापान ने मध्यम-कैलिबर समुद्री विद्युत चुम्बकीय रेलगन का सफल परीक्षण कर लिया है। जापान की तरफ से उठाया गया ये कदम टोक्यो की रक्षा रणनीति में संभावित उच्च तकनीक बदलाव का संकेत देता है। वॉर जोन की रिपोर्ट के अनुसार, यह परीक्षण जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) और एक्विजिशन टेक्नोलॉजी एंड लॉजिस्टिक्स एजेंसी (एटीएलए) के बीच एक सहयोग की मदद से किया गया है। एटीएलए ने रेलगन परीक्षण का वीडियो फुटेज जारी किया, जिसमें हथियार को विभिन्न कोणों पर गोले दागते हुए दिखाया गया है। रासायनिक प्रणोदक का उपयोग करने वाली पारंपरिक बंदूकों के विपरीत, एक रेलगन बहुत तेज़ गति से प्रोजेक्टाइल लॉन्च करने के लिए विद्युत चुम्बकीय बल का उपयोग करती है जो हाइपरसोनिक स्तर तक पहुंच सकती है। जापान की योजना जमीन और समुद्र दोनों पर हथियार का इस्तेमाल करने की है।

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जापानी नौसेना ने इसका वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में अलग अलग एंगल से रेलगन की फायरिंग को दिखाया गया है। जापान की रेलगन मीडियम साइज की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गन है। ये 40 मिलिमीटर के स्टील प्रोजेक्टाइल को दागता है। असल में ये स्टील की गोलियां हैं, जिनका वजन 320 ग्राम होता है। जापान द्वारा इस तकनीक का विकास होने से हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति कायम रहेगी। विशेषरूप से चीन और उत्तर कोरिया के बढ़ते मिसाइल और हाइपरसोनिक जखीरों से बचाव की उम्मीद भी बढ़ेगी। 

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बता दें कि सितबंर के महीने में ही चीन ने रेलगन से लैस एक परमाणु शक्ति संचालित विमान वाहक पोत लॉन्च किया था। उस वक्त कहा गया कि इस युद्धपोत को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया जाएगा। नौसेना की शक्तिशाली विद्युत चुम्बकीय रेलगन बहुत तेज़ गति और सटीकता से प्रोजेक्टाइल लॉन्च कर सकती है। यह ध्यान देने योग्य है कि हथियार अपने लक्ष्य पर फायर करने के लिए पारंपरिक आग्नेयास्त्रों में उपयोग की जाने वाली रासायनिक ऊर्जा के बजाय विद्युत चुंबकत्व का उपयोग करता है। भविष्यवादी हथियार तेज, अधिक सटीक और अधिक विनाशकारी हमलों के माध्यम से युद्ध में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। परमाणु शक्ति संपन्न एयरक्राफ्ट कैरियर पर लगे होने की वजह से चीन इसे पूरी दुनिया में जहां चाहेगा वहां तैनात कर सकता है।

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