जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने एशिया में रूसी और चीनी सेनाओं के बीच सहयोग पर शनिवार को चिंता व्यक्त की और कहा कि यूक्रेन में रूस के हमले के मद्देनजर यूरोप की सुरक्षा स्थिति को हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अलग नहीं किया जा सकता।
स्वीडन में यूरोपीय एवं हिंद प्रशांत देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में हयाशी ने कहा कि यूक्रेन में जंग ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की बुनियाद को हिला दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर इसका जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “ अन्यथा अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की चुनौतियां उभरेंगी और इससे उस व्यवस्था की बुनियाद हिल सकती है, जिस पर हमारी शांति एवं समृद्धि टिकी है।”
जापान युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करता है जबकि चीन ने कहा है कि वह तटस्थ रहेगा और उसने संघर्ष को भड़काने के लिए अमेरिका तथा उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को जिम्मेदार ठहराया है।
हयाशी ने बीजिंग पर पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों में ताकत के दम पर यथास्थिति को बदलने के लिए लगातार कोशिश करने और ताइवान के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज़ करने का आरोप लगाया।
हयाशी ने यह भी चेताया कि उत्तर कोरिया, बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर क्षेत्र में तनाव भड़का रहा है।
बैठक में यूरोपीय संघ और हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों के कई विदेश मंत्रियों ने शिरकत की।
इसमें चीन को आमंत्रित नहीं किया गया था।
भारत और पाकिस्तान जैसे हिंद प्रशांत के कुछ देशों ने यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का आह्वान किया है लेकिन उन्होंने इसके लिए रूस की निंदा नहीं की है।
पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हीना रब्बानी खार ने कहा, “ हम सबने अपने अलग-अलग तरीकों से इसका समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान जैसे देश ने एक सबक सीखा है कि संघर्ष कभी समाधान नहीं हो सकता। हम शत्रुता का अंत चाहते हैं, संघर्ष का अंत चाहते हैं, ताकि लोग और लोगों की जिंदगी को नष्ट करने के बजाय जिंदगी बनाने का काम कर सकें।