15 साल की उम्र में सीरिया में आईएस आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए ब्रिटेन छोड़ने वालीपूर्व इस्लामिक स्टेट दुल्हन शमीमा बेगम अपनी ब्रिटिश नागरिकता पुनः प्राप्त करने का मामला हार गई हैं। ब्रिटेन में बांग्लादेशी मूल के माता-पिता के घर जन्मी शमीमा बेगम आतंकवादी समूह आईएस में शामिल होने के लिए 2015 में दो स्कूली दोस्तों के साथ सीरिया गई थीं। शमीमा बेगम अपनी ब्रिटिश नागरिकता हटाने के यूके सरकार के 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी अदालती अपील हार गईं। अपील अदालत के तीन न्यायाधीशों ने शुक्रवार को नागरिकता की बहाली के लिए उनकी दलीलों को सभी आधारों पर खारिज कर दिया।
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अपील अदालत के फैसले में कहा गया कि ब्रिटेन के तत्कालीन गृह सचिव साजिद जाविद इस फैसले पर पहुंचने के हकदार थे कि वह खतरनाक थीं। वह अब उत्तर-पूर्वी सीरिया के अल-रोज़ हिरासत शिविर में रहती है। 2023 में बेगम ने सीरियाई शिविर से बीबीसी को बताया कि वहां फंसना जेल में रहने से भी बदतर था। उन्होंने कहा कि कम से कम जेल की सजा के साथ आप जानते हैं कि अंत होगा, लेकिन यहां आप नहीं जानते कि क्या वहाँ अंत होने वाला है।
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माना जाता है कि शमीमा बेगम की दो सहेलियां कदीजा सुल्ताना और अमीरा अबासे तो मारी गईं, लेकिन वह खुद तीन साल से अधिक समय तक आईएस के शासन में रहीं। सीरिया में एक डच आईएस लड़ाके से शादी करने के बाद शमीमा बेगम आईएसआईएस दुल्हन या जिहादी दुल्हन के रूप में लोकप्रिय हो गईं।