भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बार फिर से अपनी चाह को राह में बदल दिया है। इस बार ऐसा कर दिखाया कि दुनिया स्तब्ध है और चीन जैसे देश भी भारत की तारीफ करने पर मजबूर हो गए हैं। चीन जो खुद अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक महाशक्ति है, उसने भी इसरो को उसकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि स्पेडेक्स मिशन के तरत उपग्रहों की सफल डॉकिंग के लिए भारत और इसरो को बधाई। इसरो की ये सफलता तब सामने आई जब दुनिया के कई देश अंतरिक्ष की दौड़ में भारत के पीछे हैं। इस मिशन ने ये साबित कर दिया कि भारत न केवल एक उभरती हुई शक्ति बल्कि अंतरिक्ष में नेतृत्वकर्ता की भूमिका में है। यानी भारत अब कहीं न कहीं लीडर की भूमिका में सामने आ रहा। ये सफलता ट्रंप के शपथग्रहण से पहले एक बड़ा झटका सरीखा होगा। ये दिखाता है कि भारत अपनी नीतियों और योजनाओं को कितनी तेजी से लागू कर रहा है। वैसे ये पहली बार नहीं है जब इसरो ने दुनिया को चौंकाया हो।
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सितंबर 2024 में भारत के मंगलयान मिशन यानी मार्स ऑर्बिटर मिशन ने मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था। इस उपलब्धि ने भारत को मंगल तक पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बनाया था। इतना ही नहीं भारत ने ये उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल की थी। जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। चीन ने उस वक्त भी मंगलयान मिशन की सफलता पर भारत की तारीफ करते हुए कहा था कि ये केवल भारत या एशिया नहीं बल्कि पूरे मानवजाति के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। चीन ने 2020 में अपना पहला मंगल मिशन लॉन्च किया जो 2021 में मंगल की कक्षा में सफलता पूर्वक प्रवेश कर गया। लेकिन इसके एक दशक पहले चीन को असलता का सामना करना पड़ा था जब रूसी अंतरिक्षयान के साथ उसका ऑर्बिटर नाकाम हो गया था। इसरो की सफलता न केवल चीन को प्रेरणा दे रही बल्कि उसे ये भी सोचने पर मजबूर कर रही कि विज्ञान और टेेक्नोलॉजी में भी भारत उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंवंदी बनकर सामने आ गया है।
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वो चीन जो अक्सर भारत के खिलाफ आक्रमक रवैया अपनाता रहता है। इस बार इसरो की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया। ये भारत के बढ़ते कद और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसके महत्व को दिखा रहा। भारत अब केवल एक विकासशील देश नहीं बल्कि महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। वहीं दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को फोन किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि यह फोन कॉल चीन और अमेरिका दोनों के लिए बेहद अच्छी रही. मुझे उम्मीद है कि हम मिलकर कई समस्याओं का समाधान करेंगे।