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भ्रष्टाचार के दो मामलों में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील बहाल करने संबंधी नवाज की याचिका पर फैसला सुरक्षित

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ की अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामलों में उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील की बहाली संबंधी अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को लंदन से पाकिस्तान लौटने के बाद शरीफ अपने छोटे भाई और पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ के साथ दूसरी बार उच्च न्यायालय में पेश हुए।
उन्हें 24 अक्टूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दी गई थी, जब वह आत्मसमर्पण करने के लिए अदालत में उपस्थित हुए और एवेनफील्ड और अल-अजीजिया स्टील संयंत्र मामलों में अपनी अपील बहाल करने के लिए याचिका भी दायर की।
अदालत ने शुरुआती सुनवाई के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को नोटिस जारी किया था और सुनवाई आज तक के लिए स्थगित कर दी थी।

एनएबी अभियोजक ने सुनवाई के दौरान अदालत को सूचित किया कि भ्रष्टाचार-निरोधक निगरानी संस्था को 73-वर्षीय शरीफ की गिरफ्तारी में कोई दिलचस्पी नहीं है। यद्यपि शरीफ के वकील ने अपील को बहाल करने पर जोर दिया।
एनएबी ने शरीफ के वकीलों की याचिका का विरोध करने से भी इनकार कर दिया।
अदालत ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। फैसला देर शाम किसी भी समय घोषित किये जाने की उम्मीद है।
हालांकि, मामले की प्रकृति और एनएबी की ओर से कोई विरोध न किये जाने के मद्देनजर, इस बात की अत्यधिक संभावना है कि उनकी अपील बहाल कर दी जाए।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की कार्यवाहक सरकार ने अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में शरीफ की सात साल की सजा को मंगलवार को निलंबित कर दिया था।

शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया था और दिसंबर, 2018 में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें जुलाई, 2018 में एवेनफील्ड संपत्ति मामले में एक जवाबदेही अदालत द्वारा भी दोषी ठहराया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया, लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया, जबकि दोषसिद्धि के फैसले के खिलाफ उनकी अपील लंबित थी।
उनकी बेटी मरयम नवाज को भी मामले में सात साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन सितंबर 2022 में उन्हें भी उनके पति मुहम्मद सफदर के साथ बरी कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2020 में दोनों मामलों में नवाज शरीफ को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया।
शरीफ को 2017 में अयोग्य ठहराया गया था और बाद में 2018 में भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने हमेशा किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया है।

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