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काटालिन कारिको और वीसमैन को कोविड रोधी एमआरएनए टीकों के विकास में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार

इस बार चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार काटालिन कारिको और ड्रयू वीसमैन को कोविड-19 से लड़ने के लिए एमआरएनए टीकों के विकास से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान किया जाएगा।
नोबेल असेंबली के सचिव थॉमस पर्लमैन ने सोमवार को स्टाकहोम में पुरस्कार की घोषणा की।
हंगरी में जन्मी कारिको वहां की सेज्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, वहीं पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाती हैं। अमेरिकी नागरिक वीसमैन ने पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में कारिको के साथ यह अनुसंधान किया।
कारिको (68) चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली 13वीं महिला हैं। वह बायोएनटेक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष थीं। इसी कंपनी ने कोविड-19 के एक टीके के उत्पादन के लिए फाइजर कंपनी के साथ साझेदारी की थी।

पेन इंस्टीट्यूट फॉर आरएनए इनोवेशन में निदेशक और प्रोफेसर वीसमैन (64) की मुलाकात कारिको से संयोग से 1990 के दशक में अनुसंधान पत्रों की फोटोकॉपी करने के दौरान हुई थी। यह जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट ‘पेन टुडे’ में दी गयी है।
पुरस्कार समिति ने कहा, ‘‘अपने अभूतपूर्व अनुसंधान के माध्यम से, जिसने एमआरएनए और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के संपर्क को लेकर हमारी समझ को मौलिक रूप से बदल दिया है, पुरस्कार विजेताओं ने आधुनिक समय में मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक के दौरान टीके के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया।’’
पर्लमैन ने बताया कि जब उन्होंने इस घोषणा से कुछ देर पहले दोनों वैज्ञानिकों से संपर्क किया तो वे पुरस्कार की खबर सुनकर प्रफुल्लित हुए।

ब्रिटेन के एक विश्वविद्यालय में चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ पॉल हंटर ने एमआरएनए टीकों को कोरोना वायरस महामारी खत्म करने में मदद करने के लिए क्रांतिकारी करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर एमआरएनए तकनीक नहीं होती तो कोविड महामारी और विकराल हो जाती।’’
एक्सेटर यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ भरत पंखानिया ने कहा कि एमआरएनए प्रौद्योगिकी का एक बड़ा फायदा है कि इन्हें बहुत बड़ी मात्रा में बनाया जा सकता है।
नोबेल समिति सदस्य गुनिला कार्लसन हेडेस्टम ने कहा कि यह पुरस्कार इस तरह के काम के पीछे के दशकों के बुनियादी अनुसंधान को रेखांकित करता है।
कारिको ने कहा कि पुरस्कार की खबर के लिए आये फोन कॉल को सुबह उनके पति ने उठाया और खबर सुनने के लिए उन्हें पकड़ा दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास ही नहीं हुआ। मैं आश्चर्य चकित थी। लेकिन मैं बहुत खुश हूं।’’
शरीर क्रिया विज्ञान या चिकित्सा क्षेत्र में पिछले साल का नोबेल पुरस्कार स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पाबो को मानव विकास की उन खोजों के लिए प्रदान किया गया था, जिन्होंने निएंडरथाल डीएनए के रहस्यों को उजागर किया था। इससे कोविड-19 के प्रति हमारी संवेदनशीलता सहित हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
इससे पहले पाबो के पिता सुन बर्गस्ट्रोम को 1982 में चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा मंगलवार को और रसायनविज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए इस पुरस्कार की घोषणा बुधवार को की जाएगी।

बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा की जाएगी। नोबेल शांति पुरस्कार शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी।
नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख अमेरिकी डॉलर) का नकद इनाम दिया जाता है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था।

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