आस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ का यह नया मामला सामने आया जिसमें ब्रिस्बेन में एक प्रमुख हिंदू मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने शनिवार को तोड़फोड़ की।
यह घटना ब्रिस्बेन के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में हुई।
‘द ऑस्ट्रेलिया टुडे’ वेबसाइट पर मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला के हवाले से कहा गया है, “मंदिर के पुजारी और भक्तों ने आज सुबह फोन किया और मुझे मंदिर की चारदीवारी को क्षतिग्रस्त किए जाने के बारे में सूचित किया।”
उन्होंने कहा, “हमने क्वींसलैंड पुलिस अधिकारियों को सूचित किया और उन्होंने मंदिर तथा भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।”
‘हिंदू ह्यूमन राइट्स’ की निदेशक सारा गेट्स ने कहा कि नवीनतम तोड़फोड़ ऑस्ट्रेलियाई हिंदुओं को आतंकित करने का एक प्रयास है।
गेट्स ने कहा, “यह नवीनतम घटना विश्व स्तर पर “सिख फॉर जस्टिस” का एक पैटर्न है, जो स्पष्ट रूप से ऑस्ट्रेलियाई हिंदुओं को आतंकित करने का प्रयास है। यह संगठन (खालिस्तानी समर्थक) दुष्प्रचार,साइबर बुलिंग करने के साथ-साथ डराने-धमकाने में लिप्त है।”
गेट्स नेमंदिर पर हमले के बाद हिंदू समुदाय की एक तस्वीर ट्वीट की। मंदिर समिति के साथ समुदाय के सदस्यों ने हिंदू विरोधी नारों दीवारोंसे साफ किये।
उन्होंने एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “हिंदुस्तान जिंदाबाद।”
उपनगर में लंबे समय से रह रहे एक व्यक्ति ने कहा, “खालिस्तान समर्थक ऑस्ट्रेलियाई हिंदू समुदाय को आतंकित कर रहे हैं और धर्म का पालन करने तथा मंदिर जाने को दर्दनाक अनुभव बना रहे हैं। ”
ऑस्ट्रेलिया में दो महीने में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की यह चौथी घटना है।
23 जनवरी को मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में प्रतिष्ठित इस्कॉन मंदिर की दीवारों पर ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ लिखा हुआ था।
16 जनवरी को विक्टोरिया के कैरम डाउन्स में ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर में भी इसी तरह तोड़फोड़ की गई थी।
12 जनवरी को मेलबर्न के स्वामीनारायण मंदिर को ‘असामाजिक तत्वों’ ने भारत विरोधी नारों से विरूपित कर दिया था।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों के खिलाफ तोड़फोड़ की बार-बार निंदा की है और ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया है।