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Kim Jong Un को पसंद है केवल 13-14 साल की वर्जिन लड़कियां! तानाशाह को खुश करने की दी जाती है खास ट्रेनिंग, पढ़ें North Korea से जुड़े रहस्य

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को आज विश्व का सबसे बड़ा तानाशाह कहा जाता है। पश्चिमी देशों द्वारा उत्तर कोरिया पर अनगिनत प्रतिबंध लगाए गये हैं लेकिन इस देश के तानाशाह को कोई फर्क नहीं पड़ता। देश की जनता खाने के लिए तरस कर दम तोड़ देती है लेकिन किम को केवल अपनी हुकूमत से मतलब है। किम जोंग उन के शासन में उत्तर कोरिया में पैदा होना एक श्राप जैसा है क्योंकि वहां पर तेज हंसने वालों को भी सजा दी जाती है। मनचाहा बाल कटाने पर सिर काट दिए जाते हैं। ऐसी तानाशाही के बीच वहां के लोगों की मनोस्थिति क्या होती होगी, इसका अंदाजा आजाद और लोकतांत्रिक मुल्क में रहने वाले लोग नहीं लगा सकते हैं। उत्तर कोरिया से वैसे तो जल्दी कोई खबर बाहर नहीं आती है सिवाए एक खबर के… जब किम किसी परमाणु हथियार का परिक्षण करते है इसे वहां की मीडिया द्वारा पूरी दुनिया में फैला दिया जाता है। लेकिन कुछ रिपोर्ट छुपते-छिपाते बाहर आ ही जाती है। आइये आज हम आपको तानाशाही मुल्क से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताते हैं जिन्हें सुनकर हैरान हो जाएगे।
 
काम वासना को पूरा करने के लिए किम के लिए बनाया गया वर्जिन लड़कियों का एक दस्ता 
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी ‘काम वासना’ को पूरा करके के लिए  13 से 14 साल की स्कूली छात्राओं का एक सैन्य दस्ता बनाया हुआ है। यह दस्ता किम की सेना का भाग है। इस दस्ते में कम उम्र की वर्जन लड़कियों को शामिल किया जाता है। इनकी अलग से ट्रेनिंग और मेडिकल टेस्ट होता है। लड़कियां बहुत ही फिट और संघर्ष की स्थिति में जान पर खेल जाने वाली होती है लेकिन इन लड़कियों को युद्ध के लिए नहीं ब्लकि किम की वासना के लिए तैयार किया जाता है। कहते हैं कि किम जब भी अपनी स्पेशल ट्रेन से सफर करता है तो उस ट्रेन में इन वर्जन लड़कियों का दस्ता होता है जो सफर के दौरान किम जोंग की हर तरह से सेवा करती हैं।
 

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किम ही नहीं, उनके बाप-दादा भी 13-14 साल की लड़कियों संग जवान रहने के लिए बनाते थे शारीरिक संबंध
काम वासना के लिए ये लड़कियों का ये सैन्य दस्ता किम जोंग के राज में नहीं बना था बल्कि ये परंपरा तो उत्तर कोरिया में किम के बाप-दादा के जमाने से चली आ रही है। कहा जाता है कि किम जोंग उन इन लड़कियों का यौन शोषण करता है। 13 और 14 साल की इन लड़कियों को सीधे स्कूल से उठाया जाता है। इस सेना में शामिल होना यूं ही नहीं है। फोर्स में शामिल होने से पहले हर लड़की की मेडिकल जांच की जाती है। जिसमें उसे कौमार्य (वर्जनिटी) का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। किम की यह ताकत उनके दादाजी के समय से ही मौजूद है। उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल-सुंग ने आनंद की इस सेना या गिप्पुमजो सेना का निर्माण किया। 1970 के दशक में अपने सुनहरे दिनों के दौरान, वह अपने अधिकारियों को गायन और नृत्य के लिए आकर्षक लड़कियों को लाने का आदेश देते थे। जो लड़कियाँ सशक्त होंगी वे दासी का भी काम करेंगी। उसने अधिक आकर्षक महिलाओं का भी यौन शोषण किया। किम इल सुंग ने युवा कुंवारियों को निशाना बनाया। उनका मानना ​​था कि यदि वह उनके साथ संबंध रखेगा तो वह हमेशा अपना जीवन जवान रखेगा।
 

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13-14 साल की सुंदर लड़कियों को एक परियोजना के तहत स्कूल से उठाया जाता था
इन लड़कियों को सेना अपनी आलीशान कोठियों में रखती है और यह लड़कियां कठपुतली की तरह आदेशों का पालन करती हैं। अधिकारी उनके माता-पिता को बताएंगे कि वे अपनी लड़कियों को किम इल सुंग की सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना में ले जा रहे हैं। माता-पिता भी बिना कुछ पूछे लड़कियों को भेड़ देते थे। जैसे ही ये महिलाएं 20 वर्ष की आयु तक पहुंचती हैं, वे “उस” जीवन से सेवानिवृत्ति के सामान्य जीवन में लौट आती हैं। उनकी शादी उसी देश के सैनिक करेंगे।
 
20 साल की होते होते रिटायर हो जाती थी तानाशाह की काम वासना को पूरा करने वाली लड़कियां, किम की सेना के सैनिक को करनी होती थी लड़कियों से शादी
जिन लड़कियों को नसम इनहाप फोर्स में ले जाया जाता है, उन्हें तीन समूहों में बांटा गया है। कुछ लोग प्रशिक्षण के लिए विदेश जाते हैं। इसमें तीसरी श्रेणी के लोगों का ही यौन शोषण किया जाता है। किम इल सुंग की मृत्यु के बाद उनकी देखभाल उनके बेटे और किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल ने की थी। सिर्फ ये ही नहीं बल्कि किम राजवंश के सदस्यों ने भी लड़कियों को बिगाड़ा है। उनका कहना है कि खाना-पीना और गुप्त पार्टियों में इन लड़कियों का डांस देखना किम राजवंश का काम है। लड़कियां, जो किम के पिता और दादा के करीब थीं, उनके बारे में बहुत सारे रहस्य जानती थीं। लेकिन जब वह 20 साल की उम्र में रिटायर होकर घर लौटती हैं तो उन्हें धमकी दी जाती है कि वह ये राज किसी को न बताएं।
 
किम ने अपने शासन के दौरान लड़कियों के लिए बदले कई नियम
किम जोंग उन ने अपने पिता के समय में मौजूद सुख शक्तियों को ख़त्म कर दिया और 13 और 14 साल की लड़कियों को अपने साथ जोड़ लिया। इन महिलाओं को 4000 डॉलर मासिक वेतन दिया जाता था। यह रकम गरीब उत्तर कोरिया में सबसे बड़ी बताई जा रही है। यह भी कहा जाता है कि 4 साल बाद यह आनंद बल पूरी तरह से बंद हो गया है।

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