Breaking News

जानें कौन हैं एलेक्सी नवालनी, जिन्होंने पुतिन की नाक में किया था दम

रूस की जेल एजेंसी ने शुक्रवार को विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की 47 साल की उम्र में मृत्यु की घोषणा की। रूसी जेल सेवा ने कहा कि रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की शुक्रवार को आर्कटिक सर्कल के उत्तर में दंड कॉलोनी में गिरने और चेतना खोने के बाद मृत्यु हो गई, जहां वह लंबी जेल की सजा काट रहे थे। नवलनी अब तक रूस के सबसे प्रसिद्ध विपक्षी नेता हैं, एक दशक से भी अधिक समय पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इर्द-गिर्द कुलीन वर्ग की आलोचना करके और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर प्रमुखता से उभरे थे। 
पेश से वकील एलेक्सी नवालनी का रूस की राजनीति में उभार 2008 से दिखता है । जब वो रूस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोलना शुरू करते हैं। राष्ट्रवादी नेता के तौर पर उनकी छवि बन जाती है। सरकारी कांट्रैक्ट में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाते हैं। ब्लाॅगिंग और यूट्यूब के जरिये इन तमाम मुद्दों को उठाते हुए रूस में लोकप्रिय हो जाते हैं। एलेक्सी ने एंटी करप्शन फाउंडेशन नाम का संगठन बनाया। और इसके जरिये भ्रष्टाचार पर पुतिन सरकार को सीधे ललकारने लगे। आलम ये हुआ कि साल 2012 में अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल ने अपने खबर की शीर्षक में एलेक्सी का परिचय देते हुए एक खबर प्रकाशित की The Man vladimir Putin fears most यानी वो आदमी जिससे ब्लादिमीर पुतिन को सबसे ज्यादा डर लगता है। इस लेख के मुताबिक सरकार के समर्थक टीवी और अखबार एलेक्सी को सीआईए का एजेंट बताते हैं। हिटलर से उसकी तुलना करते हैं। रूस के सरकारी चैनलों पर तो एलेक्सी को दिखाने पर भी पाबंदी है। 2013 में उन्होंने मास्को में मेयर का चुनाव लड़ने का ऐलान किया। वो लड़े लेकिन पुतिन के उम्मीदवार से हार गए। एलेक्सी ने चुनाव में धांधली का इल्जाम लगाया। उसके बाद उनपर कई केस लगाए। एक में एलेक्सी को पांच साल की सजा हुई और दूसरे में साढ़े तीन साल की। कुछ साल जेल में रहने के बाद एलेक्सी नजरबंद कर दिए गए। 2016 में बाहर आए तो फिर प्रदर्शन जारी कर दिया। 2017 में उन्हें पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए 3 बार जेल हुई। साल 2017 में ही उन पर हमला हुआ और इस हमले की वजह से एलेक्सी की दाहिनी आंख केमिकल बर्न से प्रभावित हुई। 2018 में रूस के राष्ट्रपति के चुनाव के वक्त एलेक्सी के पुतिन को तगड़ी चुनौती देने के कयास लगाए जा रहे थे। तभी चुनाव आयोग ने एलेक्सी को अयोग्य घोषित कर दिया गय। लेकिन जुलाई 2019 में रूस में विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने की वजह से उन्हें 30 दिन की जेल हुई। जेल में ही उनकी तबीयत बिगड़ी और आरोप लगे कि एलेक्सी को जहर देने की कोशिश हुई है। 20 अगस्त 2020 को रूस के साइबेरिया से एक विमान मास्को के लिए उड़ान भरता है।

इसे भी पढ़ें: प्रिगोझिन के बाद अब पुतिन के सबसे बड़े दुश्मन को भी क्या निपटा दिया गया? एलेक्सी नवलनी की जेल में हुई मौत

विमान के उड़ान भरने के दौरान ही उसमें बैठे पैसेंजर एलेक्सी नवालनी बीमार हो गए। मामला गंभीर हुआ तो प्लेन की इमरजेंसी लैंडिग करनी पड़ी और नवालनी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पता चला कि नवालनी को जहर दिया गया। जिसके बाद शक जताया गया कि एयरपोर्ट पर जिस कैफे में एलेक्सी नवालनी ने चाय पी थी उसमें जहर मिला थ। एलेक्सी की प्रेस सेक्रेटरी ने ट्वीट करके बताया कि एलेक्सी को जहर दिया गया है। लेकिन डक्टर कहते हैं कि एलेक्सी को जहर नहीं दिया गया है। जर्मनी ने तो अपना एक एयर एंबुलेंस भी रूस के साइबेरिया में भेज दिया। जिसके बाद उन्हें जर्मनी लाया गया। जहां वे कोमा में रहे। वहीं जर्मनी ने रूस पर आरोप लगाया कि रूस ने एलेक्सी को नोविचोक नाम का जहर दिया। वैसे रूस की राजनीति में विरोधियों को जहर देकर मारने जैसे कई तथ्य और रिपोर्ट समय-समय पर सामने आते रहते हैं। विकीपीडिया में भी List of soviet and Russian Assassinations लिखने पर उन नामों का उल्लेख मिलता है जिन्हें कथित तौर पर सत्ता पार्टी द्वारा जहर देकर मारने की कोशिश हुई। 

Loading

Back
Messenger