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ताइवान में आए भूकंप से भारी तबाही हो गई है। इस भूकंप के साथ ही सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है। जापान और आसपास के देशों की भी जमीन इस भूकंप के कारण जबरदस्त तरीके से जमीन हील गई है, जिससे लोग दहशत में रह रहे है। ताइवान में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया है जिस कारण कई बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई।
गौरतलब है कि ताइवान पेसिफिक रिंग ऑफ़ फायर पर स्थित है जहां भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों बहुत अधिक होती है। ऐसे में यहां रहने वाले लोग भूकंप के खतरे के बीच हमेशा रहते है। बता दें कि ताइवान टेक्टोनिक प्लेट्स के जटिल प्लेटमेंट पर बसा हुआ देश है। इसमें बड़ी टेक्टोनिक प्लेट बाउंड्री भी है। ताइवान में रूयुक्यू ट्रेंच है, जिसके पास फिलिपीन सी प्लेट है, जो यूरेशियन प्लेट के नीचे धंसती है। यूरेशियन प्लेट मनीला ट्रेंच के पास फिलिपीन सी प्लेट है, जो नीचे की तरफ धंसती है। ताइवान ऐसा द्वीप है जिसके नीचे जमीन में सैंडविच पूरी तीन लेयर में बना हुआ है।
ऐसे में अगर किसी एक प्लेट में भी कोई हलचल होती है तो दोनों ही सतहों पर इसका असर होता है। ऐसे में छोटे भूकंप आना काफी आम है। वहीं जब बड़ा भूकंप आता है तो उसके पीछे प्रेशर टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने, रगड़ने, एकदूसरे के ऊपर चढ़ने-उतरने, धंसने या टूटने का कारण होता है। वहीं वैज्ञानिकों को ताइवान के नीचे दो रिवर्स फॉल्ट मिले है। इसमें एक फॉल्ट लिवू नदी की तरफ है और दूसरा उत्तर से दक्षिण की तरफ का है।
दोनों फॉल्ट समंदर में 10 किलोमीटर की गहराई के आसपास जुड़े है, जिस कारण घुमावदारा ढांचा बनता है। इसी जगह पर माइलून फॉल्ट है, जिसके कारण वर्ष 1951 में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था। कई वर्षों के बाद ये फॉल्ट एक्टिव हुआ है। ये यूरेशियन प्लेट और फिलिपीन सागर प्लेट को डिस्टर्ब कर रहा है। संभावना है कि इसी कारण फिर से इतनी अधिक तीव्रता का भूकंप आया है।