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बिना किसी अनाज समझौते के रूस सम्मेलन से रवाना हुए अफ्रीकी देशों के नेता

अफ्रीकी नेता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ दो दिनों की बैठक के बाद रवाना हो रहे हैं, जिसमें यूक्रेन से अनाज की आपूर्ति जारी रखने वाले समझौते को फिर बहाल करने और वहां युद्ध समाप्ति का मार्ग खोजने के उनके अनुरोधों पर कोई खास प्रगति नहीं हुई।
पुतिन ने रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के बाद शनिवार देर रात एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस द्वारा इस महीने की शुरुआत में अनाज समझौते को समाप्त करने से अनाज की कीमतों में वृद्धि हुई है जिससे रूसी कंपनियों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि मॉस्को उस राजस्व का कुछ हिस्सा सबसे गरीब देशों के साथ साझा करेगा।
इस प्रतिबद्धता की कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गई। यह अगले तीन से चार महीनों में छह अफ्रीकी देशों में से प्रत्येक को 25,000 से 50,000 टन अनाज मुफ्त भेजने के पुतिन के वादे के बाद सामने आयी है।

यह अनाज समझौते के तहत कई गरीब देशों, अफ्रीकी देशों को संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत 7,25,000 टन अनाज भेजने के आगे बहुत कम है। रूस ने बुर्किना फासो, जिम्बाब्वे, माली, सोमालिया, इरिट्रिया और मध्य अफ्रीकी गणराज्य को मुफ्त अनाज भेजने की योजना बनाई है।
अफ्रीका के 54 राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों में से 20 से भी कम ने रूस के शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जबकि 43 ने 2019 में पिछले सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
पुतिन ने दुनिया में शक्ति के उभरते केंद्र के रूप में अफ्रीका की प्रशंसा की, जबकि क्रेमलिन ने कुछ अफ्रीकी देशों को सम्मेलन में हिस्सा लेने से हतोत्साहित करने के लिए पश्चिमी दबाव को जिम्मेदार ठहराया।
मिस्र और दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति अनाज समझौते को फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर सबसे अधिक मुखर थे।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा, हम चाहेंगे कि काला सागर पहल लागू हो और काला सागर खुला रहे। हम यहां अफ़्रीकी महाद्वीप के लिए दान की याचना करने के लिए नहीं हैं।’’
पुतिन ने यह भी कहा कि रूस यूक्रेन के लिए अफ्रीकी नेताओं के शांति प्रस्ताव का विश्लेषण करेगा, जिसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है। हालांकि रूसी नेता ने सवाल किया, ‘‘आप हमसे गोलीबारी रोकने के लिए क्यों कहते हैं? जब हम पर हमला हो रहा हो तो हम गोलीबारी नहीं रोक सकते।’’
इसके बजाय शांति प्रयासों में अगला महत्वपूर्ण कदम अगस्त में यूक्रेन द्वारा आयोजित शांति शिखर सम्मेलन प्रतीत होता है जिसकी मेजबानी सऊदी अरब द्वारा की जाएगी। इसमें रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है।
अफ़्रीकी राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा मत समूह बनाते हैं और यूक्रेन में रूस के कदमों की आलोचना करने वाले महासभा के प्रस्तावों पर किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में अधिक विभाजित हैं।

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