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वेटिकन सिटी में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, जिसके तहत अब रोमन के कैथोलिक पादरी समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद दे सकेंगे। एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए वेटिकन की तरफ से उठाए गए इस कदम को ऐतिहासिक बताया गया है। पोप फ्रांसिस ने रोमन कैथोलिक पादरियों को मंजूरी दी है कि वो समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद दे सकेंगे।
हालांकि समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद दिए जाने को लेकर भी कुछ शर्ते रखी गई है। इसके तहत आशीर्वाद पादरी सिर्फ तभी देंगे जब शादियां चर्च में नियमित अनुष्ठान और धर्मविधि के मुताबिक की जाएगी। पोप द्वारा इस फैसले को मंजूरी मिलने की जानकारी सोमवार को दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वेटिकन के सैद्धांतिक ऑफिस ने इस संबंध में दस्तावेज जारी कर दिए है। इसमें कहा गया है कि इस तरह का आशीर्वाद ये दर्शाएगा कि ईश्वर सभी के लिए है और वो सभी को समानता के साथ स्वीकार करते है।
बता दें कि वेटिकन महिला और पुरुषों के बीच संबंध को वैध मानता है। वहीं वेटिकन ने अपने फैसले में कहा है कि विषमलैंगिक विवाह संस्कार के साथ इसे भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। ये भी जानकारी साझा की गई है कि पादरियों को हर मामले के आधार पर फैसला करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति चर्च में ईश्वर का आशीर्वाद लेना चाहता है तो उसे चर्च में ना आने देना सही कदम नहीं है। बता दें कि इस संबंध में पोप अक्टूबर में संकेत दे चुके थे कि इस दिशा में आधिकारिक बदलाव हो सकता है।
बता दें कि फैसले के संबंध में आठ पेजों का दस्तावेज जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि चर्च ये शिक्षा देता है कि समलैंगिक आकर्षण होना किसी तरह का पाप नहीं है। समलैंगिक कृत्य करना जरुर पाप होता है। बता दें कि पोप ने इस फैसले से एलजीबीटीक्यू समुदाय का स्वागत करने की एक पहल की है। इससे पहले तक ये ही कहा जाता रहा है कि समलैंगिंक जोड़ों को आशीर्वाद देने का काम चर्च नहीं कर सकता क्योंकि ये चर्च के सिद्धांतों के विरुद्ध है।