अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) और गैंबियन स्वास्थ्य अधिकारियों की एक संयुक्त जांच ने गाम्बिया में कथित भारत में बने कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत के बीच एक गहरा संबंध है। अक्टूबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक अलर्ट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि भारत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा गाम्बिया को आपूर्ति की जा रही चार खांसी की दवाई घटिया गुणवत्ता की थी और दावा किया कि वे गाम्बिया में कई बच्चों की मौत से जुड़ी थीं।
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शुक्रवार को जारी एक सीडीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस जांच से दृढ़ता से पता चलता है कि डायथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) या एथिलीन ग्लाइकोल (ईजी) से दूषित दवाएं गाम्बिया में आयात की गईं, जिससे बच्चों के बीच इस तीव्र गुर्दे की चोट (एकेआई) क्लस्टर का कारण बन गया। सीडीसी के अनुसार पिछले अगस्त में गाम्बिया के स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) ने बीमारी (एक्यूट किडनी इंजरी के कई मामले और बच्चों में मौत) की पहचान करने में सहायता के लिए संपर्क किया था, महामारी विज्ञान का वर्णन किया था और संभावित कारण कारकों और उनके स्रोतों की पहचान की थी।
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सीडीसी की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया,‘यह जांच मजबूती से यह बात कहती है कि डाईएथाइलीन ग्लाइकोल (डीईजी) या एथाइलीन ग्लाइकोल (ईजी) से दूषित दवाओं के गाम्बिया में आयात से बच्चों में एकेआई (किडनी की बीमारी) की समस्या हुई है। मालूम हो कि पिछले साल कथित रूप से भारत की कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत हो गई थी।