मालदीव के उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को राहत प्रदान करते हुए संसद के स्थायी आदेशों में हालिया संशोधन को टालने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया।
इस संशोधन से विपक्षी सांसदों के लिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पर महाभियोग चलाना आसान हो गया था।
मालदीव के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए संसद के दो-तिहाई सदस्यों के मत की आवश्यकता होती है। हालांकि, संसद ने हाल ही में अपने स्थायी आदेशों में संशोधन किया था ताकि इसके लिए आवश्यक वोटों की संख्या कम करके महाभियोग प्रस्ताव पेश करना आसान हो सके।
मालदीव के अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने 28 जनवरी को संशोधन पर उच्चतम न्यायालय में मामला दायर किया था। इसमें अदालत द्वारा अंतिम फैसला सुनाए जाने तक संशोधन को टालने की मांग की गई थी।