Breaking News

एक SECURE एससीओ की ओर: Modi का निमंत्रण और जिनपिंग की टिप्पणी, इस बार का सम्मेलन क्यों हैं खास?

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले सप्ताह भारत की मेजबानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आभासी शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने घोषणा की है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बीजिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में भाग लेंगे  और 4 जुलाई को महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ देंगे।

इसे भी पढ़ें: ‘जिसके पास ज्ञान, वही सुखी और बलवान’, PM Modi बोले- विकसित भारत का निर्माण ही हमारा लक्ष्य

4 जुलाई को वर्चुअल बैठक
एससीओ द्वारा जारी बयान के अनुसार राष्ट्राध्यक्षों की वर्चुअल एससीओ परिषद 4 जुलाई को आयोजित होने वाली है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। शिखर सम्मेलन का विषय ‘एक SECURE एससीओ की ओर’ है। सिक्योर का संक्षिप्त नाम प्रधानमंत्री द्वारा 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में गढ़ा गया था और इसका अर्थ सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और व्यापार, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण है। बयान में कहा गया kf एससीओ की हमारी अध्यक्षता के दौरान इन विषयों पर प्रकाश डाला गया है। 
तुर्कमेनिस्तान को अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रण
एससीओ प्रोटोकॉल के अनुपालन में तुर्कमेनिस्तान को अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त, दो एससीओ निकायों अर्थात् सचिवालय और एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) के प्रमुख उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र (यूएन), आसियान, सीआईएस, सीएसटीओ, ईएईयू और सीआईसीए सहित छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के नेताओं को भी शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। भारत ने अपनी अध्यक्षता में सहयोग के स्टार्टअप और इनोवेशन, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशन, युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासतनए स्तंभ स्थापित किए हैं। इसके अलावा, भारत ने लोगों के बीच व्यापक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है।  बयान में कहा गया है कि इनमें 2022-23 के लिए पहली एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटक राजधानी के ढांचे के तहत वाराणसी द्वारा आयोजित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। 

इसे भी पढ़ें: दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्‍दी समारोह के लिए मेट्रो से ट्रेवल करके पहुंचे पीएम मोदी, यात्रियों से बातचीत की

भारत ने 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की 
एससीओ में भारत की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच गहन गतिविधि और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का काल रहा है। भारत ने कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है, जिनमें 14 मंत्री-स्तरीय बैठकें शामिल हैं। भारत संगठन में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और अपनी अध्यक्षता की परिणति के रूप में एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की आशा करता है।
एससीओ क्या है?
एससीओ मुख्य रूप से एक भू-राजनीतिक और सुरक्षा संगठन है जिसमें आर्थिक एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासों पर बल दिया जाता है। समूह देशों का दुनिया की लगभग एक तिहाई भूमि पर नियंत्रण है और सालाना खरबों डॉलर का निर्यात करता है। एससीओ को नाटो के खिलाफ एक पूर्वी देशों के समूह के तौर पर देखा जाता है। शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 26 अप्रैल 1996 को चीन के शंघाई शहर में एक बैठक के दौरान हुई थी।
एससीओ के सदस्य
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, रूस और चीन- भारत और पाकिस्तान भी इस संगठन के सदस्य हैं, दोनों को 2017 में शामिल किया गया था। एससीओ में चार देश हैं जिन्हें ऑब्जर्वर का दर्जा प्राप्त है। ये हैं: इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान, द रिपब्लिक ऑफ बेलारूस, द इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान और मंगोलिया। इसके छह डायलॉग पार्टनर भी हैं: अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, नेपाल, तुर्की और श्रीलंका।

Loading

Back
Messenger