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ऑस्ट्रिया में पीएम मोदी ने की बिजनेस लीडर्स से मुलाकात, सहयोग के अवसर तलाशने के तरीकों पर चर्चा

पीएम नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने भारत और ऑस्ट्रिया के बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की। उन्होंने नवाचार को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशने के तरीकों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच स्थापित स्टार्ट-अप ब्रिज के पर्याप्त परिणाम मिलेंगे। उन्होंने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सफलता और कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स को बढ़ाने की पहल पर जोर देते हुए दोनों देशों के बीच एक संयुक्त हैकथॉन का प्रस्ताव रखा। भारत की शक्तियों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री ने ऑस्ट्रियाई कंपनियों को मेक इन इंडिया पहल के तहत कुशल और लागत प्रभावी विनिर्माण के लिए भारत के आर्थिक माहौल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने अर्धचालक, चिकित्सा उपकरणों और सौर पीवी कोशिकाओं जैसे क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण फर्मों को आकर्षित करने के उद्देश्य से भारत की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पर भी चर्चा की।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम दोनों, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव सहयोग करने को तैयार हैं।’’ उन्होंने याद दिलाया कि ऐतिहासिक वियना कांग्रेस (सम्मेलन) का आयोजन इसी हॉल में किया गया था, जहां वे खड़े हैं और उस सम्मेलन ने यूरोप में शांति और स्थिरता के लिए राह दिखाई थी। वहीं, नेहमर ने कहा कि भारत एक प्रभावशाली और भरोसेमंद देश है और रूस-यूक्रेन शांति प्रक्रिया में उसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। ऑस्ट्रिया, यूक्रेन का सहयोगी देश है। 

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नेहमर ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मुद्दे पर हमारी बहुत विस्तृत बातचीत हुई। ऑस्ट्रिया के चांसलर के रूप में मेरे लिए भारत के आकलन को जानना और उसे समझना तथा भारत को यूरोपीय चिंताओं से अवगत कराना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, पश्चिम एशिया में संघर्ष चर्चा के दौरान एक प्रमुख विषय था।’’ पुतिन के साथ बातचीत के दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और शांति के प्रयास बम और गोलियों के बीच सफल नहीं होते। नेहमर ने कहा कि एक भरोसेमंद साझेदार के नाते ऑस्ट्रिया वार्ता की मेजबानी करने को तैयार है और अपनी अनूठी स्थिति का उपयोग एक तटस्थ देश के रूप में करने के लिए उपलब्ध है। ऑस्ट्रिया यूरोपीय संघ का सदस्य है लेकिन नाटो का सदस्य देश नहीं है। 

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