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मोदी ने यूक्रेन को बचा लिया! दोस्त पुतिन को न रोका होता तो कीव नागासाकी और हिरोशिमा जैसा शमशान बन जाता

रूस और यूक्रेन के बीच की जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। वॉर कब खत्म होगी किसी को पता नहीं है। लेकिन ये वॉर परमाणु युद्ध में तब्दील क्यों नहीं हुई इसका खुलासा अमेरिकी मीडिया ने कर दिया। रूस यूक्रेन वॉर से जुड़े अमेरिकी ऑफिसर्स के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है। यानी पीएम मोदी दखल नहीं देते तो कीव नागासाकी और हिरोशिमा की तरह शमशान बन जाता है। कहा जा रहा है कि मोदी पुतिन को नहीं मनाते तो दुनिया का इतिहास-भूगोल सब बदल जाता। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध से कैसे बचा लिया आइए इसके बारे में आपको बताते हैं। 

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यूक्रेन रूस युद्ध के दो साल पूरे होने के बाद अब खुद ये बात दुनिया की सुपरपावर और यूक्रेन के रक्षा कवच बने देश अमेरिका का मीडिया ऑफिसर्स के हवाले से दुनिया को बता रहा है। राष्ट्रपति पुतिन रूस यूक्रेन वॉर के बीच में लगातार परमाणु हमले की धमकी देते रहे हैं। उन्होंने 2022 में यूक्रेन पर परमाणु हमले का पूरा मन बना लिया था। यानी नागासाकी और हिरोशिमा के बाद कीव पर दुनिया का तीसरा परमाणु हमला होने वाला था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप ने दुनिया में होने वाली इस विनाशलीला को रोक दिया। अमेरिकी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि 2022 में यूक्रेन पर परमाणु हमले का प्लान रूस की तरफ से तैयार कर लिया गया था और व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमले को लेकर गंभीरता से विचार कर रहे थे। तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ये परमाणु हमला रुका था। 

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अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि भारत जैसे अहम सहयोगी देश के हस्तक्षेप से ही राष्ट्रपति पुतिन माने। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से कई बार बात की थी। उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के मौके पर, पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। 

जब अमेरिका ने गिराया परमाणु बम

ये 1945 की बात है 6 अगस्त की तारीख और जापान में सुबह आठ बज रहे थे। एक जोर का धमाका हुआ और कुछ ही मिनटों के अंदर एक हंसता-खेलता शहर एक राख के ढेर में तब्दील हो गया। हम दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान पर हुए परमाणु हमले की बात कर रहे हैं। इसके ठीक तीन दिन बाद यानी 9अगस्त को दूसरा परमाणु बम नागासाकी पर गिरा और दुनिया हमेशा के लिए बदल गई।  

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