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Maldives में मोहम्मद मुइज्जू ने दिखाई तानाशाही, संसद में विपक्ष को घसने से रोकने के लिए बंद किए दरवाजे

मालदीव इन दिनों लगातार चर्चा में बना हुआ है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन से लौट के बाद तानाशाह की तरह व्यवहार करने लगे हैं। इसी बीच मालदीव की संसद में रविवार को ऐसा नजारा देखने को मिला जो उसके अनुरुप नहीं है। अब तक जहां मुइज्जू लगातार भारत के विरोध में थी, वहीं अब उन्होंने अपने विपक्षी सासंदों का भी विरोध करना शुरू कर दिया है। 

स्थिति ये हो गई है कि मोइज्जू ने अपने ही देश के विपक्षी सांसदों को संसद में घुसने से मना कर दिया है। मालदीव की संसद से बेहद हैरान करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विपक्षी दल के सांसद संसद के दरवाजे के पास दिखाई दे रहे है। विपक्षी सांसदों में पूर्व डिप्टी स्पीकर इवा अब्दुल्ला भी शामिल हैं। संसद का दरवाजा विपक्ष के सांसदों के लिए बंद कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार मालदीव की संसद में रविवार को मंत्रिमंडल के लिए मतदान किया जाना था। विपक्षी खेमा पहले ही ऐलान कर चुका था कि वह चार मंत्रियों की मंजूरी नहीं होने देगा। ऐसे में मालदीव में मोईज्जू सरकार ने विपक्षी सांसदों को संसद में घुसने से ही रोक दिया। 

बता दें कि मालदीव की संसद में रविवार की दोपहर एक बजे कैबिनेट पर मतदान होना था जिसमें 22 सदस्यों को हिस्सा लेना था। मतदान से पहले मुइज्जू की पार्टी के सांसदों ने लगातार शोर मचाया है। सांसद स्पीकर की कुर्सी पर भी शोर मचाते दिखे है। मतदान होने से पहले विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी ने चार प्रमुख कैबिनेट सदस्यों को मंजूरी रोकने के लिए रेड व्हिप पारित कर दिया है। वहीं विपक्षी दल ने फैसला किया कि तीन मंत्रियों को मंजूरी नहीं दी जाएगी।

मालदीव और भारत के बीच तकरार
इससे पहले नवंबर में ही मोहम्मद मुइज्जू ने कैबिनेट की मंजूरी को लेकर अनुरोध किया था। भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर चर्चा मुइज्जू सरकार के तीन उपमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पोस्ट की गई अपमानजनक टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच उत्पन्न विवाद शुरु हुआ था। चीन की अपनी हाल ही में संपन्न राजकीय यात्रा के दौरान, मुइज्ज़ू ने मालदीव को बीजिंग के करीब लाने का प्रयास किया। मुइज्जू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया है। इन मंत्रियों के पोस्ट को लेकर भारत में चिंता जतायी गई और भारतीय पर्यटकों द्वारा मालदीव के बहिष्कार का आह्वान किया गया, जिनकी संख्या रूसी पर्यटकों के बाद सबसे अधिक है। पर्यटक संख्या के लिहाज से चीन तीसरे स्थान पर है। 

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