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नेपाल में शुक्रवार तड़के भूस्खलन की चपेट में आई दो बसों के उफनाई नदी में बहने से उनमें सवार 60 से अधिक यात्री लापता हो गए है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार इस हादसे में सात भारतीय भी लापता हो गए है। उफनाई त्रिशूली नदी में ये बसें बह गई है।
जानकारी के मुताबिक दोनों बसें करीब तीन बजे नदी में बह गईं। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन के कारण बसें त्रिशूली नदी में गिरने से पहले तीन यात्री सुरक्षित बच निकलने में सफल रहे। वे फिलहाल उपचाराधीन हैं। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने खोज और बचाव कर्मियों को उस क्षेत्र की तलाशी के लिए भेज दिया है, जहां उन्हें चितवन जिले में जीवित लोग मिले थे। चितवन देश की राजधानी काठमांडू से लगभग 100 किलोमीटर (60 मील) पश्चिम में है।
एक आधिकारिक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया, “काठमांडू से गौर जा रही बस में 41 लोग सवार थे, और बीरगंज से काठमांडू जा रही बस में 24 लोग सवार थे।” एपी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी प्रशासक खिमानंद भूसल ने बताया कि शुक्रवार सुबह तीसरी बस भी भूस्खलन की चपेट में आ गई, जिससे चालक की मौत हो गई।
पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने रॉयटर्स को बताया कि काठमांडू से 150 किलोमीटर दूर कास्की जिले में भूस्खलन से तीन घर बह गए, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार की रात पोखरा के रिसॉर्ट शहर के पास भूस्खलन में सात लोगों के एक परिवार की मौत हो गई। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, जिस झोपड़ी में परिवार सो रहा था, वह भूस्खलन की वजह से नष्ट हो गई और इलाके के तीन अन्य घरों को भी नुकसान पहुंचा।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य जून से अब तक नेपाल में भूस्खलन और बाढ़ से कम से कम 91 लोगों की मौत हो चुकी है। पीटीआई के अनुसार, मानसून आपदाओं के कारण एक दशक में 1,800 से अधिक लोगों की जान चली गई, लगभग 400 लोग लापता हैं और 1400 से अधिक घायल हुए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने देश में बाढ़ की स्थिति पर दुख और चिंता व्यक्त की। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियां लापता लोगों की तलाश कर रही हैं।