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Morgan Stanley Report: किसने कहा मोदी ने 9 साल में बदल दी भारत की तस्वीर, इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री हर किसी को क्यों दिखाएंगे?

दुनियाभर की जानी मानी बोक्ररेज रिफॉर्म मॉर्गन स्टेनली ने मोदी सरकार के 9 साल के काम को फुल नंबर दिए हैं। बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जब से मोदी सरकार ने भारत में सत्ता संभाली है उसके बाद से देश की इकोनॉमी में बड़ा बदलाव आया है। मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि एक दशक से भी कम वक्त में भारत की तस्वीर बदल गई। सबसे खास बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने अपने अलग-अलग सुधारों के जरिए आर्थिक क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि मॉर्गन स्टेनली ने किस आधार पर मोदी सरकार की तारीफ की है। 

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रेटिंग एजेंसी ने कहा- ये 2013 वाला भारत नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग मंचों से देश को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का वादा किया था। अब पीएम मोदी का ये वादा पूरा होता दिख रहा है। मॉर्गन स्टेनली ने भारत को लेकर अपनी डिटेल्ड रिपोर्ट में कहा है कि भारत एक दशक से भी कम समय में काफी बदल गया है। एशिया ही नहीं बल्कि वैश्विक व्यवस्था में भारत ने अहम स्थान हासिल किया है। 2023 का भारत 2013 के भारत से बिल्कुल अलग है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बदल गया है, विश्व व्यवस्था में एक स्थान प्राप्त कर रहा है और एशिया और वैश्विक विकास के लिए एक प्रमुख चालक बन गया है। रिपोर्ट कहती है कि भारत एक दशक से कम समय में बदल गया है। 10 साल के छोटे से अरसे में भारत ने दुनिया की व्यवस्था में स्थान बना लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कॉरपोरेट टैक्स की दर को अन्य देशों के बराबर किया गया है। इसके अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ रहा है। 

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इन बदलावों का जिक्र 

मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में 10 बड़े बदलावों का जिक्र किया है। इनमें सप्लाई साइड पॉलिसी रिफॉर्म, फॉर्मेलाइजेशन ऑफ इकोनॉमी, रियल एस्टेट एक्ट, बैकों में सीधा ट्रांसफर और इन्सोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, एफडीआई पर फोकस और मल्टीनेशनल कंपनियों की भावनाओं का जिक्र शामिल है। इसमें कहा गया है कि लाभार्थियों के खातों में सब्सिडी का हस्तांतरण, दिवाला और दिवालियापन संहिता, लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण, एफडीआई पर ध्यान, कॉर्पोरेट मुनाफे के लिए सरकारी समर्थन, रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक नया कानून और और मल्टीनैशनल कंपनियों की भावनाओं का जिक्र शामिल है।

इन बदलावों का क्या असर होगा

निर्यात बाजार में हिस्सेदारी दोगुनी होगी। बढ़े जीडीपी की वजह से मुनाफे में उछाल होगा। तेल की कीमतों में कमी होगी। यूएस में मंदी का कम प्रभाव पड़ेगा। वैल्यूएशन में री रेटिंग होगी। 

 

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