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Turkey में भूकंप को लेकर शोक अब तनाव में बदला

सीरिया और तुर्किये में 28 हजार से अधिक लोगों की जान लेने वाले विनाशकारी भूकंप के छह दिनों बाद यह महसूस होने पर शोक और अविश्वास अब तनाव तथा आक्रोश में बदल गया है कि ऐतिहासिक आपदा से निपटने में अप्रभावी,अनुचित और असंगत प्रतिक्रिया हुई है।
तुर्किये में बुहत से लोग अपनी हताशा व्यक्त कर रहे हैं कि बचाव अभियान निर्ममता की हद तक धीमी गति से चलाया गया जिससे मलबे के नीचे जीवित लोगों को खोजने के लिहाज से अहम समय बीत गया।

अन्य लोगों, खासकर सीरियाई सीमा के पास दक्षिणी हाते प्रांत में, ने कहा कि तुर्किये सरकार ने सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने में देरी की। उन्होंने संदेह जताया है कि ऐसा किये जाने की वहज राजनीतिक और धार्मिक दोनों थी।
दक्षिण-पूर्वी तुर्किये के आदियामन में एलिफ बुसरा ओजटर्क शनिवार को एक इमारत के मलबे के बाहर इंतजार कर रही थीं, जहां उसके चाचा और चाची फंसे थे (माना जा रहा है कि दोनों की मौत हो चुकी है) और जहां से उसके दो चचेरे भाइयों के शव पहले ही मिल चुके हैं।

वह कहती हैं, ‘‘तीन दिनों से, मैंने बाहर मदद के लिए इंतजार किया। लेकिन कोई नहीं आया। वहां इतनी कम संख्या में बचाव टीम थीं कि वे केवल उन्हीं स्थानों पर हस्तक्षेप करती थीं, जहां उन्हें यकीन होता था कि कोई जीवित व्यक्ति है।’’
इसी भवन परिसर में 66 वर्षीय अब्दुल्ला तास ने कहा कि वह उस इमारत के पास एक कार में सो रहे थे जहां उनके बेटे-बहू और चार पोते-पोती दफन हो गये। उन्होंने कहा कि बचाव दल भूकंप के चार दिनों बाद आया। द एसोसिएटेड प्रेस इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका।

हालांकि, तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोआन ने बुधवार को कहा कि भूकंप से प्रभावित 10 प्रांतों में भूकंप के बाद के प्रयास जारी थे। उन्होंने सेना जैसे संस्थानों से कोई मदद नहीं मिलने के आरोपों को झूठा, फर्जी और बदनाम करने वाला बताया।
हालांकि, आपदा को लेकर आक्रोश केवल व्यक्ति विशेष तक सीमित नहीं है। तुर्किये की सरकार उन दर्जनों लोगों को हिरासत में ले रही है या हिरासत में लिए जाने के वारंट जारी कर रही है जो धराशायी हुई इमारतों को बनाने में कथित रूप से शामिल थे।

तुर्किये के मंत्री ने संकल्प जताया है कि वह दोषियों को दंडित करेंगे।
60 वर्षीय बेदीहा कन्माज ने कहा कि यह अपार्टमेंट बनाने वाले डेवलपर का दोष है। कन्माज के बेटे और सात महीने के पोते का शव पहले ही इमारत से बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन बहू अब भी इमारत में है।
कन्माजकहा, ‘‘यदि मैं अपने हाथों से ठेकेदार की गर्दन दबोच पाती तो मैं उसके टुकड़े-टुकड़े कर देती।

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