Breaking News

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मेरी भारत यात्रा अहम भूमिका निभाएगी : Hasina

ढाका । बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी हालिया भारत यात्रा को मंगलवार को ‘‘बहुत सार्थक’’ बताया और कहा कि भारत के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी वार्ता के नतीजे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नये आयाम खोलने में ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका’’ निभाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्योते पर हसीना ने पिछले हफ्ते भारत की दो दिवसीय राजकीय यात्रा की। भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद किसी विदेशी शासनाध्यक्ष की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। हसीना (76) ने यहां अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ढाका तीस्ता नदी परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर सर्वाधिक लाभकारी प्रस्ताव स्वीकार करेगा। 
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने दोनों देशों के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए नये आयाम खोले हैं। खबर में उन्हें उद्धृत करते हुए कहा गया है, ‘‘यात्रा छोटी लेकिन बहुत सार्थक थी। मुझे लगता है कि यह यात्रा भारत और बांग्लादेश के बीच मौजूदा शानदार संबंधों को मजबूत करने में एक बहुत अहम भूमिका निभाएगी।’’ हसीना की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने समुद्री क्षेत्र और समुद्री अर्थव्यवस्था सहित कई क्षेत्रों में संबंध प्रगाढ़ करने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। 
बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस की खबर के अनुसार, तीस्ता नदी जल के प्रबंधन के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए हसीना ने कहा कि बांग्लादेश देश और इसके लोगों के लिए सर्वाधिक लाभकारी प्रस्ताव स्वीकार करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘चीन और भारत ने (तीस्ता) परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए अलग-अलग प्रस्ताव दिए हैं। हमें उस प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए जो हमारे देश के लोगों के लिए अधिक लाभकारी हो।’’ हसीना ने कहा कि चीन ने भौतिक सर्वेक्षण किया है जबकि भारत तीस्ता परियोजना के क्रियान्वयन के बारे में दूसरा सर्वेक्षण करना चाहता है। 
उन्होंने कहा, ‘‘हम उस सर्वेक्षण को स्वीकार करेंगे जो हमारे लिए अधिक उपयुक्त और लाभकारी होगा।’’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का भारत के साथ तीस्ता नदी जल बंटवारे को लेकर एक पुराना मुद्दा है, ‘‘इसलिए, अगर भारत तीस्ता परियोजना को क्रियान्वित करता है तो बांग्लादेश के लिए यह आसान होगा। उस स्थिति में, हमें हमेशा तीस्ता जल बंटवारे के बारे में बात करने की आवश्यकता नहीं होगी।’’ प्रधानमंत्री मोदी और हसीना के बीच वार्ता का एक प्रमुख परिणाम तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक बड़ी परियोजना के वास्ते जल्द ही भारत से एक तकनीकी टीम बांग्लादेश भेजने का निर्णय था।

31 total views , 1 views today

Back
Messenger