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म्यांमार : सू ची के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय

म्यांमा का उच्चतम न्यायालय सेना द्वारा अपदस्थ नेता आंग सू ची की ओर से उन मामलों में दाखिल अपील पर इस महीने सुनवाई करेगा, जिनमें उन्हें दोषी करार दिया गया है और कुल 33 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। विधि अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सू ची के खिलाफ अधिकतर मामले सेना ने दर्ज कराए हैं, जिसने फरवरी 2021 में निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी।
सेना के सत्ता पर काबिज होने के बाद सू ची को गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर कई आरोप लगाए गए थे। हालांकि, सू ची के समर्थकों और अधिकार समूहों का कहना है कि यह सेना द्वारा अपनी सत्ता को वैध साबित करने और लोकतंत्र समर्थक नेता को बदनाम करने का प्रयास है, ताकि वह सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं ले सकें।

सू ची को गिरफ्तारी के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है और उन्हें मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी गई है। उनके वकील को भी 2021 के उत्तरार्ध से मीडिया से बात करने की मनाही है।
सू ची के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी रखने वाले दो विधि अधिकारियों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उच्चतम न्यायालय की लोकतंत्र समर्थक नेता की उन दो अपील पर पांच जुलाई को सुनवाई करने की योजना है, जिसमें उन्हें चुनाव में फर्जीवाड़ा करने और देश के आधिकारिक गोपनीय अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया गया है। सू ची को पिछले साल सितंबर में दोनों मामलों में तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।

विधि अधिकारियों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय सू ची को भ्रष्टाचार के पांच मामलों में दोषी करार देने के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर 12 जुलाई को सुनवाई करेगा। सू ची को अपने पद का दुरुपयोग करने और वित्तीय नियमन की अनदेखी कर राजकोष को नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था। इन मामलों में उन्हें कुल सात साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
विधि अधिकारियों के मुताबिक, अदालत 18 जुलाई को उन मामलों में सजा कम करने की विशेष अपील पर सुनवाई करेगी, जिनमें सू ची को देशद्रोह, गैरकानूनी रूप से वॉकी-टॉकी रखने तथा उसका आयात करने और कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का दोषी करार दिया गया था।

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