Breaking News

मैं महाराष्ट्र में मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास करुंगा: Narvekar

उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को कहा कि वह राज्य में ‘‘जल्द से जल्द’’ मामलों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने इस सप्ताह अध्यक्ष को ‘‘यथोचित समय’’ में प्रक्रिया पूरी करने को कहा था।
नार्वेकर ने कहा कि इस स्तर पर एक निश्चित समय सीमा निर्धारित करना मुश्किल है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को लंदन में दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘एक समय सीमा निर्धारित करना मुश्किल है क्योंकि कई याचिकाएं हैं और सबसे महत्वपूर्ण यह निर्धारित करना है कि किस राजनीतिक दल को व्हिप जारी किया जाना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन प्रयास यह है कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।’’
नीति निर्माण, संसदीय लोकतंत्र और विधायी कामकाज पर कैंब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय छात्र समुदाय को संबोधित करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष की ब्रिटेन की यात्रा संपन्न हुई।
इस सप्ताह अपनी यात्रा के दौरान, नार्वेकर ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के लिए निवेश की संभावनाओं का पता लगाने के लिए ब्रिटेन के उद्योगपतियों के साथ बैठकें कीं। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र देश के सबसे मेहनती राज्यों में से एक है और भारत में ब्रिटेन का 30 प्रतिशत निवेश यही आता है। इसलिए हमारे पास निवेशकों के लिए एक आकर्षक पेशकश है।’’

नार्वेकर ने इस सप्ताह की शुरुआत में लंदन से पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि वह सभी पक्षों को सुनेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उच्चतम के उस फैसले का स्वागत करता हूं जिसमें विधानसभा अध्यक्ष से यह तय करने को कहा गया है कि विधायक दल का प्रतिनिधित्व कौन करता है- निर्वाचित प्रतिनिधि या राजनीतिक दल।’’
नार्वेकर ने कहा कि इस प्रक्रिया में जिरह भी होगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने विधायकों की अयोग्यता पर उनके रुख को बरकरार रखा।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी याचिका पर फैसला करना विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार होगा। मैं लगातार इस बात को कह रहा हूं कि विधानसभा अध्यक्ष ही इस मामले में फैसला लेंगे।’’

महाराष्ट्र में पिछले साल शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने और फिर उत्पन्न राजनीतिक संकट से जुड़ी अनेक याचिकाओं पर सर्वसम्मति से अपने फैसले में प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बृहस्पतिवार कहा था कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना का सचेतक नियुक्त करने संबंधी विधानसभा अध्यक्ष का फैसला ‘अवैध’ था।

Loading

Back
Messenger