उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने रूस से आग्रह किया कि वह अमेरिका के साथ परमाणु हथियारों को लेकर हुई संधि का सम्मान करे और सैन्य स्थलों का ज़मीनी निरीक्षण फिर से शुरू करने की इजाजत दे।
तथाकथित ‘न्यू स्टार्ट ट्रीटी’ 2010 में रूस और अमेरिका के बीच हुई थी। यह दोनों देशों द्वारा तैनात किये जाने वाले परमाणु हथियारों की संख्या की सीमा 1550 निर्धारित करने के साथ ही परमाणु आयुद्ध ले जाने वाली मिसाइलों की संख्या की सीमा तय करती है।
इसके तहत दोनों देश एकदूसरे के परमाणु अड्डे और सहायक केंद्रों का निरीक्षण कर सकते हैं।
नाटो राजदूतों ने एक बयान में कहा, ‘‘हम अपनी चिंता जाहिर करते हैं कि रूस ‘न्यू स्टार्ट’ संधि के तहत कानूनी तौर पर बाध्यकारी दायित्वों का पालन करने में नाकाम रहा है।’’
अमेरिकी नेतृत्व वाले 30 देशों का सैन्य गठबंधन संधि का समर्थन करता है और मानता है कि इससे परमाणु हथियारों के विस्तार को सीमित करने में मदद मिलती है।