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कीव । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि रूस के खिलाफ जीत की उनकी योजना से क्षेत्र में अगले साल तक शांति बहाल हो सकती है, लेकिन इसमें युद्ध समाप्त होने से पहले कीव को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य बनाने की आवश्यकता शामिल है, जिसका कुछ प्रमुख पश्चिमी सहयोगियों ने अभी तक समर्थन नहीं किया है। जेलेंस्की ने यूक्रेन की संसद ‘वेरखोव्ना राडा’ में दिए संबोधन में कहा, “अगर हम अपनी जीत की योजना के मुताबिक बढ़ना शुरू करें, तो अगले साल तक युद्ध समाप्त करना संभव हो सकता है।”
उन्होंने पांच सूत्री विजय योजना पेश की, जिसका पहला बिंदु-युद्ध के बीच यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देना-संभवत: सबसे महत्वाकांक्षी और पश्चिमी सहयोगियों को सर्वाधिक परेशान करने वाला है। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता प्रदान करना युद्ध में कीव के समर्थन के “(सहयोगी देशों के) दृढ़ संकल्प का प्रमाण” होगा। नाटो का अनुच्छेद-5 सामूहिक सुरक्षा की गारंटी देता है और इसे वह स्तंभ माना जाता है, जिस पर संगठन की विश्वसनीयता टिकी हुई है।
यह सभी सदस्य देशों के उस सदस्य की मदद के लिए आगे आने की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसकी संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता खतरे में है। नाटो आम सहमति से अपने फैसले लेता है। अमेरिका और जर्मनी सहित कई सदस्य देश रूस से युद्ध के बीच यूक्रेन को संगठन में शामिल किए जाने के खिलाफ हैं, क्योंकि उन्हें मॉस्को के साथ बड़े पैमाने पर जंग में शामिल होने की आशंका है। जुलाई में वाशिंगटन में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन में इसके 32 सदस्य देशों ने घोषणा की थी कि यूक्रेन पश्चिमी सैन्य गठबंधन की सदस्यता हासिल करने के लिए “अपरिवर्तनीय” मार्ग पर है। सदस्यता के लिए वार्ता शुरू करने के संबंध में कोई भी फैसला जून 2025 में नीदरलैंड में प्रस्तावित अगले शिखर सम्मेलन से पहले संभव नहीं है।
अधिकारियों के मुताबिक, जेलेंस्की की विजय योजना में रूसी सरजमीं पर विभिन्न लक्ष्यों पर लगातार हमले करना, अगस्त में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में शुरू हुई सैन्य कार्रवाई को जारी रखना और रूस के बुनियादी ढांचे को ड्रोन व मिसाइल से निशाना बनाना शामिल है। उन्होंने बताया कि जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ जीत के लिए सहयोगी देशों के उसे अतिरिक्त वायु रक्षा प्रणाली उपलब्ध कराने और खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान बढ़ाने पर जोर दिया। अधिकारियों के अनुसार, योजना के कुछ बिंदु गोपनीय थे, जिनका जेलेंस्की ने संसद में अपने संबोधन में जिक्र नहीं किया।