Breaking News

S Jaishakar Pakistan Visit News: पाकिस्तान से न मुलाकात ना बात, शहबाज के लिए नहीं सुधरेंगे हालात

भारत ने निमंत्रण का सम्मान करते हुए ऐलान किया है कि एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस्लामाबाद पहुंचने के ऐलान के बाद से पाकिस्तान मीडिया और वहां की जनता के बीच उथल पुथल मची है। एससीओ कॉन्फेंस में भारत शिरकत करेगा। लेकिन पाक मीडिया को ये बात हजम ही नहीं हो पा रही है। पाकिस्तानी चैनल में बैठे एक्सपर्ट्स उन्हें समझा रहे हैं और दूसरी तरफ पाकिस्तानी आवाम शहबाज सरकार को कोस रही है। जयशंकर के पाकिस्तान पहुंचने की खबर से पड़ोसी मुल्क शॉक में चला गया है। एय जयशंकर ने खुद कहा कि मैं इस महीने पाकिस्तान जाने वाला हूं और ये मेरी यात्रा एससीओ मीटिंग के मद्देनजर होगी। एस जयशंकर ने साफ कर दिया कि मैं बहुपक्षीय वार्ता में हिस्सा लूंगा। भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर बात करने नहीं जा रहा। मैं एससीओ का एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते वहां जा रहा हूं। 

इसे भी पढ़ें: Hezbollah- Hamas के समर्थन में सड़कों पर उतरे लाखों मुसलमान, बुरा फंस गया पाकिस्तान, इजरायल का अगला टारगेट क्या इस्लामाबाद?

कुल मिलाकर कहें कि पाकिस्तान ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की आगामी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत से इनकार कर दिया। भारत ने घोषणा की कि जयशंकर इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। हालाँकि, जयशंकर ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की संभावनाओं से इनकार किया। जयशंकर की यात्रा और भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस यात्रा के संबंध में आधिकारिक सूचना मिल गई है और वह सभी सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है।

इसे भी पढ़ें: Hezbollah- Hamas के समर्थन में सड़कों पर उतरे लाखों मुसलमान, बुरा फंस गया पाकिस्तान, इजरायल का अगला टारगेट क्या इस्लामाबाद?

पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए। 5 अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर की विशेष शक्तियों को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद संबंध और भी खराब हो गए। 

Loading

Back
Messenger