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Nepal plane crash: फ्रांसीसी विशेषज्ञ दल ने पोखरा में जांच शुरू की

नेपाल में यति एयरलाइन के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले की जांच फ़्रांस के विशेषज्ञों की एक टीम ने बुधवार को शुरू की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि फ्रांस के विशेषज्ञों की टीम इस दुर्घटना की जांच में सरकार की मदद करने के लिए नेपाल में है। उन्होंने बताया कि टीम के सदस्यों ने पोखरा शहर में दुर्घटनास्थल का दौरा किया।
अधिकारियों के अनुसार यति एयरलाइंस के एक अधिकारियों के अनुसार, एटीआर-72 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पांच भारतीय सहित 71 व्यक्तियों की मौत हो गई।

विमान में सवार एक व्यक्ति अब भी लापता है। अधिकारियों के अनुसार विमान में 72 व्यक्ति सवार थे।
अधिकारियों के अनुसार दुर्घटना के विवरण को समझने के लिए नौ सदस्यीय टीम एयरलाइन के कर्मचारियों और संबंधित अधिकारियों से पोखरा में पूछताछ कर रही है।
विमान ने रविवार को पूर्वाह्न 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते वक्त विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

नेपाल सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। पूर्व विमानन सचिव नागेंद्र घिमिरे के नेतृत्व वाले जांच समिति को दुर्घटना की जांच करने और 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
एटीआर-72 विमान निर्माता एटीआर द्वारा फ्रांस और इटली में विकसित एक ट्विन-इंजन टर्बोप्रॉप एयरलाइनर है। एटीआर फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी एयरोस्पेतियल और इतालवी विमानन समूह एरीतालिया के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

इस बीच, नेपाली सेना की टीम ने विमान के अवशेषों की तलाश के लिए सेती घाटी में तलाशी अभियान जारी रखा है। बुधवार को विमान दुर्घटना स्थल से एक और शव काठमांडू लाया गया और मेडिकल टीम ने 49 अन्य शवों का पोस्टमॉर्टम किया।
नेपाली नागरिकों के 22 शव पहले ही पोखरा एकेडमी ऑफ हेल्थ साइंसेज द्वारा उनके रिश्तेदारों को सौंपे जा चुके हैं, जहां चिकित्सकों ने मंगलवार को पोस्टमॉर्टम पूरा किया। कई शव जल गए हैं या कई हिस्सों में बंट गए हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है।
यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद शवों का डीएनए परीक्षण किया गया और उसके बाद उन्हें उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।

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