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उपचुनाव से पहले भारत से सटी Nepal की सीमा को सील किया गया

नेपाल के दक्षिणी बारा जिले की भारत से लगती सीमाको बारा-2 निर्वाचन क्षेत्र में रविवार को होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर 72 घंटों के लिए सील कर दिया गया है।
नेपाल का निर्वाचन आयोग प्रतिनिधि सभा की तीन सीट (तनहुन-1, चितवन-2 और बारा-2) के लिए उपचुनाव करा रहा है।
बारा में जिला प्रशासन कार्यालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर बताया कि सभी सीमा नाका बृहस्पतिवार मध्य रात्रि से रविवार मध्य रात्रि तक बंद रहेंगे।
बयान के मुताबिक, मतों की गिनती पूरी होने तक जिले में शराब की बिक्री और आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है।

इसमें बताया गया है कि जिले में शनिवार मध्य रात्रि से रविवार देर शाम सात बजे तक पोस्टल हाईवे पर आपातकालीन वाहनों को छोड़कर बाकी सभी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।
उपचुनाव की घड़ियां नजदीक आने के बीच नेपाल के शीर्ष राजनीतिक दलों ने बृहस्पतिवार को बड़े पैमाने पर रैलियां आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया।
सत्तारूढ़ गठबंधन ने चितवन और बारा में चुनावी सभाएं कीं, जिन्हें नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, प्रधानमंत्री एवं सीपीएम-माओवादी सेंटर के प्रमुख पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ सहित कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया।
नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

पत्रकार से नेता बने रवि लामीछाने आरएसपी के टिकट पर चितवन-2 सीट से किस्मत आजमाएंगे, जबकि जाने-माने अर्थशास्त्री स्वर्णिम वागले और पूर्व पुलिस उप प्रमुख रमेश खरेल क्रमश: तनहुन-1 और बारा-2 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे।
लामीछाने को नागरिकता प्रमाणपत्र विवाद के चलते संसद की सदस्यता और उप प्रधानमंत्री का पद गंवाना पड़ा था।
उपचुनाव में मुख्य मुकाबला आरएसपी और सत्तारूढ़ गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवारों के बीच माना जा रहा है।
तनहुन-1 में वागले नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार गोविंद भट्टराई को कांटे की टक्कर दे रहे हैं। भट्टाराई को सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन हासिल है।
वहीं, चितवन-2 में नेपाली कांग्रेस के प्रत्याशी जीत नारायण श्रेष्ठ और आरएसपी उम्मीदवार लामीछाने के बीच करीबी मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है।
बारा-2 में मुकाबला मुख्यत: पूर्व पुलिस उप प्रमुख खरेल और राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल के उपेंद्र यादव के बीच माना जा रहा है।

खरेल आरएसपी के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं, बल्कि यादव को सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन हासिल है।
तनहुन-1 और बारा-2 में उपचुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी है, क्योंकि दोनों सीट से निर्वाचित रामचंद्र पौडेल और रामशय प्रसाद यादव ने क्रमश: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रतिनिधि सभा से इस्तीफा दे दिया।
वहीं, चितवन-2 सीट उच्चतम न्यायालय द्वारा लामीछाने के नागरिकता प्रमाणपत्र को अमान्य करार देने के कारण खाली हो गई थी।

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