बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व मेंबनने जा रही दक्षिणपंथी रुख वाली सरकार ने पश्चिम तट पर यहूदी बस्तियों के विस्तार को शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा है। नयी सरकार के शपथ लेने से एक दिन पहले पार्टी ने अपनी मंशा जाहिर की।
नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने बुधवार को नयी सरकार की नीतियों से जुड़े दिशानिर्देश जारी किये जिसमें सबसे ऊपर गलीली, निगेव, गोलान हाइट्स और जूडिया व समारिया की इजराइली भूमि पर बस्तियों का विस्तार और विकास शामिल है। पार्टी द्वारा उल्लेखित इलाकों के नाम पश्चिमी तट के बाइबल कालीन स्थानों के नाम हैं।
अधिकतर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि पश्चिमी तट पर इजरायली बस्तियां अवैध और फलस्तीन के साथ शांति में बाधक हैं।
नेतन्याहू की नयी सरकार इजराइल के इतिहास में सबसे अधिक धार्मिक और कट्टर रुख रखने वाली सरकार है, जिसमें अति रूढ़ीवादी पार्टियां, अति राष्ट्रवादी धार्मिक गुट और उनकी लिकुड पार्टी शामिल हो रही है। नयी सरकार बृहस्पतिवार को शपथ लेगी।
नेतन्याहू वर्ष 2009 से 2021 तक इजराइल के प्रधानमंत्री थे और पिछले साल सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद दोबारा सत्ता में वापसी कर रहे हैं। वह ऐसे समय सत्ता संभाल रहे हैं जब उनके खिलाफ रिश्वत लेने, भरोसे को तोड़ने और धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई हो रही है। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया है।