सुनामी से तबाह हुए फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के तीन पिघले हुए रिएक्टर में से एक के अंदर रोबोट से ली गई तस्वीरों में मुख्य आधार संरचना में स्टील की छड़ें और इसकी मोटी बाहरी कंक्रीट की दीवार के कुछ हिस्से गायब दिखाई दे रहे हैं, जिससे किसी अन्य बड़ी आपदा की स्थिति में संयंत्र के भूकंप-रोधी बने रहने को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं।
संयंत्र की संचालक कंपनी तोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टीईपीसीओ) होल्डिंग्स पिछले साल से ही प्रथम इकाई के प्राथमिक नियंत्रण कक्ष के अंदर रोबोट के माध्यम से निरीक्षण करा रही है।
मंगलवार को जारी नया निष्कर्ष मार्च के अंत में की गई नवीनतम जांच के परिणामस्वरूप आया है।
पानी के भीतर भी ‘रिमोट’ संचालित रोबोट ‘रोव-ए2’ को प्रथम इकाई के अंदर भेजा गया था, जो मूल संरचना के ठीक नीचे एक सहायक संरचना है। रोबोट ने 12 साल पहले भूकंप और सुनामी के बाद पहली बार इस तरह की छवि कैद की है।
टीईपीसीओ के प्रवक्ता कीसुके मात्सुओ ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि संयंत्र को मजबूती देने के लिए इस्तेमाल किया गया इस्पात काफी हद तक कायम है, लेकिन कंपनी ने अगले कुछ महीनों में डेटा और छवियों का विश्लेषण करने की योजना बनाई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि रिएक्टर के भूकंप-प्रतिरोध में क्या और कितना सुधार किया जा सकता है।
इस्पात से संबद्ध छवियों ने रिएक्टर की सुरक्षा के लिए चिंताएं पैदा कर दी हैं।
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि रोबोट द्वारा ली गयी तस्वीर में नीचे खिसक चुके उपकरण भी दिखे हैं और साथ ही अन्य प्रकार के मलबे प्राथमिक नियंत्रण कक्ष में नीचे से 40-50 सेंटीमीटर (1.3-1.6 फुट) तक ऊंचे जमा हो गए।
लगभग दो साल की देरी के बाद इस साल के अंत में दूसरी इकाई में पिघले हुए मलबे को हटाने का परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है।