वेलिंगटन। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपना पद छोड़ने जा रही हैं और अक्टूबर में देश में आम चुनाव होंगे।
नम आंखों के साथ अर्डर्न ने नेपियर में पत्रकारों से कहा कि सात फरवरी बतौर प्रधानमंत्री उनका आखिरी दिन होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे कार्यकाल का छठा वर्ष शुरू होने जा रहा है और बीते हर साल मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।’’
उन्होंने घोषणा की कि न्यूजीलैंड का अगला आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा और वह तब तक सांसद के रूप में काम करती रहेंगी।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव तक प्रधानमंत्री पद कौन संभालेगा। उप प्रधानमंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने घोषणा की है कि वह लेबर पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे।
अर्डर्न ने अपने पद को कई विशेषाधिकारों से भरा लेकिन चुनौतीपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस भूमिका को निभाने के लिए हमेशा अप्रत्याशित चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह पद इसलिए नहीं छोड़ रही क्योंकि यह चुनौतियों से भरा है। अगर ऐसा होता तो प्रधानमंत्री बनने के दो महीने बाद ही मैंने पद छोड़ दिया होता। मैं यह पद इसलिए छोड़ रही हूं क्योंकि इससे मिलने वाले विशेषाधिकारों के साथ कई जिम्मेदारियां भी आती हैं जिम्मेदारी यह जानने की कि आप नेतृत्व करने के लिए कब सही व्यक्ति हैं और कब नहीं। मुझे पता है कि इस पद के लिए क्या चाहिए और मुझे पता है कि अब मेरे पास जज़्बा नहीं है। यही असल बात है।’’
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अर्डर्न की उदारवादी लेबर पार्टी ने दो साल पहले चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी लेकिन हाल के चुनाव ने उनकी पार्टी को उनके रूढ़िवादी प्रतिद्वंद्वियों ने पछाड़ दिया था।
अर्डर्न ने जिस तरह से वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कदम उठाए उसके लिए विश्वभर में उनकी सराहना की गई। हालांकि पाबंदियां काफी कड़ी होने की वजह से कई बार उन्हें देश के भीतर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा।
अर्डर्न ने दिसंबर में घोषणा की थी कि एक ‘रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी’ इस बात पर गौर करेगी कि क्या सरकार ने कोविड-19 से निपटने के लिए सही निर्णय लिए और भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए बेहतर ढंग से कैसे तैयार रहा जा सकता है। इसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
मार्च 2019 में न्यूजीलैंड में एक श्वेत बंदूकधारी ने क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हमला किया था और इस हमले में 51 लोग मारे गए थे,यह बड़ी घटना थी, लेकिन इसके बाद अर्डर्न ने जिस तरह से प्रभावितों और न्यूजीलैंड के मुस्लिम समुदाय का साथ दिया उसके लिए उनकी व्यापक रूप से सराहना की गई थी।