Breaking News

Prabhasakshi Newsroom: तब जला था ताज, अब सुलग रहा मॉस्को… रूस की राजधानी Moscow में ISIS के आतंकियों ने 93 लोगों को गोलियों से भूना, लोगों को याद आया 26/11

रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार को हमलावरों ने एक बड़े समारोह स्थल पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें तीन बच्चों समेत 93 लोगों की मौत हो गई। इस हमले के बाद 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हमलावरों ने गोलीबारी के बाद समारोह स्थल को आग लगा दी। इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार, संघीय सुरक्षा सेवा के प्रमुख ने शनिवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया कि हिरासत में लिए गए 11 लोगों में से चार लोग सीधे इस हमले में शामिल थे। कुछ दिन पहले ही देश में हुए चुनाव में जीत हासिल कर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सत्ता पर अपनी पकड़ को और मजबूत किया था। इस्लामिक स्टेट समूह ने सोशल मीडिया पर संबद्ध चैनलों पर साझा किए गए एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली। इस्लामिक स्टेट समूह ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक द्वारा साझा किए गए एक बयान के जरिए कहा कि उसने मॉस्को के बाहरी इलाके क्रास्नोगोर्स्क में ‘ईसाइयों’ की एक बड़ी सभा पर हमला किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए। फिलहाल दावे की प्रामाणिकता सत्यापित नहीं की जा सकी है लेकिन एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी को पता चला था कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह की शाखा मॉस्को में हमले की योजना बना रही थी और उन्होंने रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की थी।
 

इसे भी पढ़ें: हर देश एक स्थिर पड़ोस चाहता है, जयशंकर ने बताया भारत का मूड, आतंकवाद को नहीं किया जाएगा नजरअंदाज

मॉस्को में किया गया ये हमला भारत में किए गये आतंकी हमले की दर्दनाक याद को ताजा करता है। आतंकवादी दुनिया में अपनी धाक जमाने के लिए समय समय पर पूरी दुनिया में आतंकी हमले होते रहते हैं और इस मुद्दे पर पूरी दुनिया कई बार लाचार नजर आती हैं। रूस की राजधानी मॉस्को में हुआ ये हमला भारत के 26/11 मुंबई आतंकी हमले जैसा ही था।
26/11 मुंबई आतंकी हमला
2008 मुंबई हमले (26/11 हमले के रूप में भी जाना जाता है) आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला थी जो नवंबर 2008 में हुई थी, जब एक इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 सदस्यों ने हमला किया था। पाकिस्तान के संगठन ने पूरे मुंबई में चार दिनों तक 12 समन्वित गोलीबारी और बमबारी हमले किए। जिनकी व्यापक वैश्विक निंदा हुई, बुधवार 26 नवंबर को शुरू हुए और शनिवार 29 नवंबर 2008 तक चले। नौ हमलावरों सहित कुल 175 लोग मारे गए, जबकि 300 से अधिक घायल हुए। आठ हमले दक्षिण मुंबई में हुए: छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज पैलेस और टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा और टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पीछे एक गली में। मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र मझगांव में और विले पार्ले में एक टैक्सी में भी विस्फोट हुआ था। 28 नवंबर की सुबह तक ताज होटल को छोड़कर सभी साइटों को मुंबई पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित कर लिया गया था। 29 नवंबर को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने शेष हमलावरों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो चलाया। इसकी परिणति ताज होटल में बचे अंतिम हमलावरों की मौत के साथ हुई और हमले ख़त्म हो गए।
 

इसे भी पढ़ें: टीएम कृष्णा को मिला तमिलनाडु के CM का समर्थन, ‘संगीत कलानिधि’ अवार्ड के विरोध पर क्या कहा

2012 में अपनी फांसी से पहले एकमात्र जीवित हमलावर अजमल कसाब ने खुलासा किया कि हमलावर आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे और पाकिस्तान से नियंत्रित थे, जो भारत सरकार के शुरुआती दावों की पुष्टि करता है। पाकिस्तान ने बाद में पुष्टि की कि हमलों का एकमात्र जीवित अपराधी पाकिस्तानी नागरिक था। 9 अप्रैल 2015 को हमलों का सबसे प्रमुख सरगना, जकीउर रहमान लखवी, जमानत पर रिहा हो गया और गायब हो गया। उसे 2 जनवरी 2021 को लाहौर में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। 2018 में पूर्व पाकिस्तानी प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तानी सरकार द्वारा उन लोगों को भारत में घुसने की अनुमति देने पर सवाल उठाया, जिन्होंने हमले किए थे। 2022 में हमले के मास्टरमाइंडों में से एक, साजिद मजीद मीर – जिसके बारे में पहले पाकिस्तान सरकार ने मृत होने का दावा किया था – को पाकिस्तान में एक आतंकवाद विरोधी अदालत द्वारा आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए दोषी ठहराया गया था।
मॉस्को में 93 लोगों की मौत 
रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार को हमलावरों ने एक बड़े समारोह स्थल पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें तीन बच्चों समेत 93 लोगों की मौत हो गई। इस हमले के बाद 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हमलावरों ने गोलीबारी के बाद समारोह स्थल को आग लगा दी। इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। रूस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास ‘क्रेमलिन’ ने बताया कि हमलावरों के ‘क्रोकस सिटी हॉल’ में हमला करने के कुछ ही मिनट बाद पुतिन को इस बारे में सूचित कर दिया गया था। यह हॉल मॉस्को के पश्चिमी छोर पर स्थित एक बड़ा संगीत स्थल है, जिसमें 6,200 लोग बैठ सकते हैं। यह हमला तब हुआ जब क्रोकस सिटी हॉल में प्रसिद्ध रूसी रॉक बैंड पिकनिक के एक संगीत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। कुछ रूसी समाचार रिपोर्ट में बताया गया है कि हमलावरों द्वारा विस्फोटक फेंकने के बाद लगी आग में और अधिक पीड़ितों के फंसे होने की आशंका है। हमले के दौरान लगी आग को बुझाने के दौरान शनिवार तड़के थिएटर की छत गिर पड़ी। एक वीडियो में इमारत में आग लगी हुई और रात को आसमान में धुएं का एक बड़ा गुबार उठते हुए दिखायी दिया। हमले के बाद सड़कों पर दमकल वाहन, एम्बुलेंस तथा अन्य आपात वाहन और आसमान में हेलीकॉप्टर उड़ते हुए देखे गए। अभियोजक कार्यालय ने बताया कि लड़ाकू पोशाक पहने कई पुरुष समारोह स्थल में घुसे और उन्होंने वहां मौजूदा लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। हमले के दौरान हॉल में मौजूद डेव प्रिमोव ने कहा, ‘‘लगातार गोलीबारी होने लगी। हम सब उठे और गलियारे की ओर बढ़ने की कोशिश करने लगे। लोग घबराने लगे और भगदड़ मच गयी। कुछ लोग नीचे गिर गए जिन्हें कुछ अन्य लोगों ने कुचल दिया।’’ 
 
 

Loading

Back
Messenger