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नाइजर: सैन्य शासक, नागरिक समाज समूहों ने विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ लामबंद होने का आह्वान किया

नाइजर में सत्तारूढ़ सेना और नागरिक समाज समूहों ने देशवासियों से विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ और देश की आजादी के लिए लड़ने की खातिर बृहस्पतिवार को राजधानी में एकजुट होने का आह्वान किया है।
नागरिक समाज समूह ‘एम62’ के अंतरिम समन्वयक ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) से कहा, ‘‘हम सभी विदेशी बलों के तत्काल बाहर निकल जाने की बात कर रहे हैं। हम देश की संप्रभुता की खातिर संघर्ष जारी रखने के लिए सभी प्रकार की धमकियों के खिलाफ लामबंद होंगे। नाइजर के लोगों की गरिमा का बिना किसी अपवाद के सभी सम्मान करेंगे।’’
देश की सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को करीब एक सप्ताह पहले अपदस्थ कर दिया था। सेना और नागरिक समाज समूहों ने यह आह्वान तीन अगस्त को किया। यह वही तारीख है जब 1960 में नाइजर की अपने पूर्व औपनिवेशिक शासक फ्रांस से आजादी की घोषणा की गई थी।

नियामी में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की संभावना है।
नाइजर में तख्तापलट की पश्चिमी देशों ने कड़ी निंदा की है। कई पश्चिमी देश अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े जिहादियों से लड़ने के प्रयासों में नाइजर को अपने आखिरी विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखते हैं।
फ्रांस के नाइजर में 1,500 सैनिक हैं जो उसकी सेना के साथ संयुक्त अभियान चलाते हैं और अमेरिका एवं अन्य यूरोपीय देशों ने नाइजर के सैनिकों को प्रशिक्षित करने में मदद की है।
देश के नए सैन्य शासक जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने पड़ोसी देशों को उनके देश में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी और देशवासियों से राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार रहने की अपील की।
त्चियानी ने बुधवार रात को टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में अन्य देशों को हस्तक्षेप नहीं करने और तख्तापलट के खिलाफ सैन्य हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी।
त्चियानी ने कहा कि नाइजर को भविष्य में मुश्किल समय का सामना करना होगा और उनके शासन का विरोध करने वालों के ‘‘शत्रुतापूर्ण एवं कट्टर’’ रवैये से देश को कोई लाभ नहीं होगा।

उन्होंने पिछले सप्ताह पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएस) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को अवैध, अनुचित, अमानवीय एवं अप्रत्याशित बताया।
ईसीओडब्ल्यूएस ने नजरबंद अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को रिहा करके छह अगस्त तक बहाल नहीं किए जाने की स्थिति में बल प्रयोग करने की भी धमकी दी है।
त्चियानी ने कहा, ‘‘हम आह्वान करते हैं कि नाइजर के लोग एकजुट होकर उन सभी को हराएं, जो कड़ी मेहनत करने वाले हमारे देश के लोगों को अकथनीय पीड़ा पहुंचाना चाहते हैं और हमारे देश को अस्थिर करना चाहते हैं।’’
उन्होंने नाइजर के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को अपदस्थ करने के बाद चुनाव कराकर सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की परिस्थितियां पैदा करने का वादा भी किया।
त्चियानी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब नाइजर में तख्तापलट के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है।

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