राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के अमेरिका स्थित प्रमुख खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की दो संपत्तियों को जब्त कर लिया। यह घटनाक्रम तब हुआ जब पन्नून भारत के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी कर रहा था और नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक गतिरोध के बीच भारतीय-कनाडाई हिंदुओं को कनाडा छोड़ने की धमकी दे रहा था। एनआईए की टीम ने अमृतसर और चंडीगढ़ में उनकी दो संपत्तियां जब्त कर लीं। जांच एजेंसी ने अमृतसर जिले के खानकोट के पैतृक गांव में पन्नून की 46 कनाल कृषि भूमि भी जब्त कर ली। ज़ब्ती के साथ पन्नुन ने संपत्ति पर अपना अधिकार खो दिया है और यह अब सरकार की है।
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इससे पहले 2020 में पन्नुन की संपत्तियां कुर्क कर ली गईं, जिसका मतलब था कि वह अब उन्हें बेच नहीं सकता। सरकार ने सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 51ए के तहत पन्नून को आतंकवादी नामित किया है। जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में नई दिल्ली की संलिप्तता के आरोपों को लेकर भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच एनआईए की कार्रवाई सामने आई। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख निज्जर की 18 जून को कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के एक शहर सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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इस महीने की शुरुआत में कनाडा की धरती पर भारत विरोधी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए भारत द्वारा कनाडा को अपनी चिंताओं से अवगत कराने के बावजूद सरे में एक तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह आयोजित किया गया था। 10 सितंबर को सरे में हुई सभा में पन्नून ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री जयशंकर समेत अन्य शीर्ष नेताओं के खिलाफ धमकियां जारी कीं।