Breaking News

निर्वासितों के साथ नहीं होना चाहिए कोई दुर्व्यवहार, भारतीयों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां लगाने पर सख्त हुई मोदी सरकार

अमेरिका से अवैध भारतीय अप्रवासियों के निर्वासन पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि विदेश मंत्री द्वारा प्रतिबंधों के उपयोग से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया का विवरण, जिसके बारे में हमें आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन सहित अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया है। विदेश मंत्री ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया कि ये लंबे समय से प्रचलन में हैं। दुर्व्यवहार के मुद्दे पर, यह उठाने के लिए एक वैध मुद्दा है और हम अमेरिकी अधिकारियों पर जोर देते रहेंगे कि निर्वासितों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। हम दुर्व्यवहार के किसी भी मामले को उठाते रहेंगे जो हमारे ध्यान में आएगा। अवैध आव्रजन को बढ़ावा देने वाले अंतर्निहित पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ पूरे सिस्टम में कार्रवाई की जानी चाहिए। 

इसे भी पढ़ें: हथकड़ी लगा भारतीयों को भेजे जाने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर आई नई खबर, जानें विदेश मंत्रालय ने क्या बताया

यह पूछे जाने पर कि क्या 2012 में अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के बाद विरोध प्रदर्शन हुए थे? विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई विरोध हुआ था। हमारे पास इस बारे में किसी विरोध प्रदर्शन का कोई रिकॉर्ड नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि अमेरिका में बिना दस्तावेज़ों के रह रहे भारतीयों को निर्वासित किए जाने की प्रक्रिया नयी नहीं है और यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेशों में अवैध रूप से रह रहे हैं तो उन्हें वापस ले। 

इसे भी पढ़ें: स्टीव स्मिथ ने तोड़ा सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड, फिर भी विराट कोहली से रह गए पीछे

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी वाशिंगटन यात्रा से कुछ ही दिन पहले यह कार्रवाई हुई है। निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं। निर्वासित किये गये लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं।

Loading

Back
Messenger