तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और उनके विपक्षी प्रतिद्वंद्वी केमल किलिकडारोग्लू के महत्वपूर्ण चुनाव जीतने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत की सीमा तक न तो पहुंचने के कारण अब सभी की निहागे 28 मई पर जाकर टिक गई हैं। एर्दोगन अपने सत्तावादी शासन पर एक फैसले के रूप में देखे जाने वाले चुनाव में राष्ट्रपति के रूप में तीसरे पांच साल के कार्यकाल की मांग कर रहे हैं। उन्होंने देश पर 20 वर्षों का लंबा शासन किया है।
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि 28 मई को होने वाले दूसरे दौर के मतदान से बचने के लिए न तो उन्होंने और न ही किलिकडारोग्लू ने आवश्यक 50 प्रतिशत के वोट प्राप्त हो सके। सरकारी अनादोलु समाचार एजेंसी के अनुसार, एर्दोगन 49.39 प्रतिशत वोटों के साथ आगे चल रहे हैं, जबकि किलिकडारोग्लू 44.92 प्रतिशत वोटों के साथ कड़ी टक्कर दे रहै हैं। देश के चुनाव निकाय, सुप्रीम इलेक्टोरल बोर्ड के अनुसार, अब तक लगभग 97 प्रतिशत मतपेटियों की गिनती की जा चुकी है।
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दोनों पक्षों ने जीत का दावा किया
दोनों खेमों ने जीत का दावा किया क्योंकि मतगणना चल रही थी। जबकि एर्दोगन के समर्थकों ने राजधानी अंकारा सहित विभिन्न शहरों में जश्न मनाया, किलिकडारोग्लू ने अपने समर्थकों से धैर्य रखने का आग्रह किया और एर्दोगन की पार्टी पर मतगणना प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। राष्ट्रपति चुनाव से पहले, कई जनमत सर्वेक्षणों ने कड़े मुकाबले की भविष्यवाणी की थी।